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पारिवारिक विवाद में अलग-अलग रह रहे जोड़ों में हुई सुलह।
बैतूल में आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुटुंब न्यायालय ने 45 जोड़ों के पारिवारिक विवाद का समाधान किया। कुटुंब न्यायालय में प्रधान न्यायधीश शिवबालक साहू ने जोड़ों की काउंसलिंग की। इनमें सामाजिक रीति से विवाह करने वाले और प्रेम विवाह करने वाले जोड़े शामि
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जिला न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल और शिवबालक साहू ने कहा कि पति-पत्नी को एक करना ईश्वरीय कार्य है। कुटुंब न्यायालय में आज समझौते के लिए 68 प्रकरण रखे गए थे।

कुटुंब न्यायालय ने की विवाहित जोड़ों की काउंसलिंग।
एक उल्लेखनीय मामले में, 25 वर्षीय संगीता ( परिवर्तित नाम) ने दो साल पहले लोकेश से प्रेम विवाह किया था। दोनों ने आर्य समाज में शादी की थी। अलग समाज से होने के कारण लड़की के परिवार ने उसे वापस अपने घर ले आए थे। लोकेश ने कुटुंब न्यायालय में याचिका दायर कर अपनी पत्नी उसे वापस दिलाने की मांग थी। अदालत की समझाइश के बाद दोनों पति-पत्नी समझौता कर घर लौटे। इसी तरह अदालत ने दो साल से अलग रह रहे सारणी के एक मुस्लिम जोड़े को काउंसलिंग कर वापस घर के लिए विदा किया।
नेशनल लोक अदालत में 26 खंडपीठों का गठन किया गया है। इनमें सिविल, आपराधिक, चेक बाउंस, धन वसूली, मोटर दुर्घटना, श्रम विवाद, विद्युत चोरी, वैवाहिक मामले और भूमि अधिग्रहण संबंधी मामलों की सुनवाई की जा रही है। यह कार्यवाही बैतूल, मुलताई, भैंसदेही और आमला में जारी है।
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