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ढाका. पाकिस्तान तो अंधेरा होते ही भारत पर ड्रोन अटैक कर रहा है, वहीं बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग पार्टी पर प्रतिबंध लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. यूनुस सरकार का कहना है कि वह कई राजनीतिक दलों, संगठनों और जनता द्वारा उठाई गई मांग पर ‘गंभीरता से विचार’ कर रही है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, कई छात्र समूह, कट्टरपंथी इस्लामी पार्टियां और नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी, जो जुलाई और अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए राष्ट्रव्यापी विरोध और हिंसा के पीछे थी. अब अवामी लीग पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की जोरदार मांग कर रहे हैं. इन विरोध प्रदर्शनों के कारण हसीना की सरकार गिर गई थी.
यूनुस सरकार ने क्या कहा…
शुक्रवार को एक बयान में, अंतरिम सरकार ने कहा कि अवामी लीग सरकार के तहत ‘तानाशाही और आतंकवादी गतिविधियों’ के आरोपों के चलते यह मांग उठाई गई है. अंतरिम सरकार ने कहा है कि सरकार ने इस संबंध में राजनीतिक दलों से संपर्क स्थापित कर लिया है और उनके साथ चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लेगी. इस संबंध में, सरकार अवामी लीग के नेताओं और समर्थकों की आतंकवादी गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को भी ध्यान में रख रही है.
छात्र लीग को भी बताया आतंकी संगठन
अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के छात्र संगठन, छात्र लीग को भी ‘आतंकवादी संगठन’ करार दिया. पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के सत्ता से हटने के बाद इस संगठन पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस बयान में कहा गया है कि इसके अलावा मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण अधिनियम में आवश्यक संशोधन लाने की पहल की गई है.
इस बीच, बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हमीद गुरुवार को देश छोड़कर चले गए, हसीना के सत्ता से हटने के महीनों बाद अवामी लीग सरकार के पतन के बाद, हमीद के खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें किशोरगंज में देशव्यापी छात्र आंदोलन के दौरान एक प्रदर्शन पर हमले और गोलीबारी का आरोप था.
एक इमिग्रेशन अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा जब उनसे पूछा गया कि आरोपों के बावजूद हमीद को देश छोड़ने की अनुमति क्यों दी गई? उन्होंने कहा कि हमें किशोरगंज में उनके खिलाफ दर्ज मामले की जानकारी थी. हालांकि, उनके प्रस्थान के संबंध में अदालत या भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) द्वारा कोई यात्रा प्रतिबंध जारी नहीं किया गया था. इसलिए, उनके विदेश यात्रा पर कोई कानूनी रोक नहीं थी. इसके अलावा, उनकी शारीरिक स्थिति भी ठीक नहीं है.
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