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चिकित्सा आपातकाल के समय हर सेकेंड कीमती होता है और अगर सही समय पर इलाज मिल जाए तो जिंदगी बचाई जा सकती है। इसी सोच के साथ भोपाल में पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा को और अधिक कुशल और त्वरित बनाने के लिए विशेष मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस ड्रिल में डमी
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इससे पहले एयर एम्बुलेंस भोपाल के राजाभोज विमानतल से उड़कर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय पहुंची और वहां सुरक्षित लैंडिंग की गई। इस पूरे अभ्यास का उद्देश्य यह था कि आपात स्थिति में एम्स जैसे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से निकटवर्ती हेलीपैड से मरीज को तत्काल उड़ान के लिए कैसे तैयार किया जाए और समय की बर्बादी के बिना उसे उन्नत उपचार केंद्र तक कैसे पहुंचाया जाए।
एम्स से 3 मिनट में मरीज हो सकेंगे एयर-लिफ्ट एम्स भोपाल जैसे मॉडर्न अस्पताल से मरीजों को रेफर कर या दूसरे जिलों से लाकर इलाज के लिए यहां लाया जाता है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का हेलीपैड एम्स से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिसे ग्रीन कॉरिडोर के ज़रिए तीन से चार मिनट में पार किया जा सकता है। ऐसे में गंभीर रूप से बीमार मरीजों को समय पर एम्स या अन्य उच्चस्तरीय केंद्रों तक पहुंचाना अब और भी आसान हो जाएगा।
दुर्घटनाओं में जीवनरक्षक पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। यह सेवा राज्य के दूरदराज और दुर्गम इलाकों में भी तत्काल पहुंचकर गंभीर मरीजों को प्राथमिक स्थिरता प्रदान कर उन्हें इलाज के लिए एयर लिफ्ट करने का काम करती है। सड़क दुर्घटनाओं, औद्योगिक हादसों और प्राकृतिक आपदाओं में यह सेवा अब तक कई जानें बचा चुकी है।
आगे भी होंगी मॉकड्रिल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह प्लानिंग करना था कि वास्तविक परिस्थितियों में समय कैसे बचाया जा सकता है। मरीज को सुरक्षित, तेज और व्यवस्थित ढंग से इलाज के लिए कैसे भेजा जा सकता है। भविष्य में इसी तरह की और मॉक ड्रिल की योजना है, जिससे पूरे सिस्टम को और मजबूत बनाया जा सके। पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा का मूल उद्देश्य ही कठिन परिस्थितियों में भी तेजी से पहुंचकर जीवन बचाना है।
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