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Bokaro News: सुनीता दीक्षित, बोकारो की गृहिणी, ने फ्लेवर्ड मखाना का कारोबार शुरू कर ‘स्नैक एंड स्नैक’ ब्रांड बनाया. उनके मखाने पुदीना, मसाला और चॉकलेट फ्लेवर में उपलब्ध हैं. उनकी मासिक आमदनी 20 हजार रुपये है.
सुनीता दीक्षित
हाइलाइट्स
- सुनीता दीक्षित ने फ्लेवर्ड मखाना का कारोबार शुरू किया.
- उनकी मासिक आमदनी 20 हजार रुपये है.
- मखाना पुदीना, मसाला और चॉकलेट फ्लेवर में उपलब्ध हैं.
बोकारो: क्या आपने कभी सोचा है कि एक हाउसवाइफ भी कुछ ऐसा कर सकती है, जो न सिर्फ परिवार की आर्थिक मदद करे बल्कि उसे एक नई पहचान भी दिलाए? सुनीता दीक्षित, बोकारो के चिरा चास की रहने वाली एक गृहिणी, ने इस विचार को सच साबित किया है. उन्होंने घर बैठे फ्लेवर्ड मखाना का कारोबार शुरू किया और आज उनकी मेहनत और आत्मविश्वास के चलते यह व्यापार एक सफलता की मिसाल बन चुका है. आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी कि आखिर कैसे एक छोटे से विचार ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया.
फ्लेवर्ड मखाना से शुरू हुआ सफर
लोकल 18 से बातचीत में सुनीता दीक्षित ने बताया कि उन्होंने पिछले 6 महीनों से घर पर फ्लेवर्ड मखाना तैयार करना शुरू किया था. शुरुआत में उन्होंने इसे विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में लोगों को टेस्ट कराया. फिर उनका अच्छा फीडबैक मिलने के बाद, उन्होंने अपने बच्चों की मदद से ‘स्नैक एंड स्नैक’ नाम से अपना ब्रांड बना कर ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए बिक्री शुरू की. आज उनका मखाना बच्चों से लेकर बड़ों तक में खूब पसंद आ रहा है.
ऐसे आया बिजनेस आइडिया
इस बिजनेस आइडिया को लेकर सुनीता ने बताया कि उन्होंने देखा कि बच्चे फास्ट फूड और पाम ऑयल से तैयार पैकेट बंद चिप्स खाकर बीमार हो रहे हैं. ऐसे में उन्होंने कुछ हेल्दी स्नैक्स के बारे में सोचा और मखाने को फ्लेवर्ड तरीके से ट्राई किया जो स्वाद में बेहद लाजवाब होने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद था.
पॉपुलर फ्लेवर और पैकेजिंग
सुनीता ने बताया कि वर्तमान में वह तीन खास पुदीना, मसाला और चॉकलेट फ्लेवर में मखाना तैयार कर रही हैं. ये मखाने 250 ग्राम डिब्बे और पैकेट में उपलब्ध हैं, जो 50 रूपए के ट्रायल पैक से लेकर 160 रूपये के पैकेट और 250 रुपये के जार में भी मिलते हैं. इसके अलावा, ऑफलाइन स्टोर्स जैसे गोल्डन बेकरी में भी उनका मखाना उपलब्ध है, जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है. सुनीता ने बताया कि वह इन फ्लेवर्ड मखाना को बनाने के लिए दरभंगा से मखाना ऑर्डर करती हैं और फिर घर में फ्लेवर डालकर आकर्षक पैकेजिंग के साथ ऑनलाइन बेचती हैं. उनके मेहनत और गुणवत्ता का नतीजा यह है कि आज हर महीने 400 से 500 पैकेट मखाना की बिक्री हो जाती है और 20 हजार रुपये तक की आमदनी हो रही है.
परिवार बना मजबूत सहारा
सुनीता के पति बीके दीक्षित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर हैं और उनके बच्चे बाहर नौकरी करते हैं. उन्होंने बताया कि परिवार के सहयोग के कारण ही उन्हें सफलता मिली है. वहीं, उन्होंने महिलाओं को संदेश दिया कि अगर खुद पर विश्वास रखकर मेहनत की जाए तो सफलता मिलते देर नहीं लगती और हमारे सपने जरूर पूरे होते हैं.
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