Home अजब गजब एएमयू से बीटेक के बाद नहीं की नौकरी…बेटे ने पिता का सपना...

एएमयू से बीटेक के बाद नहीं की नौकरी…बेटे ने पिता का सपना किया पूरा… खड़ा कर दिया गाड़ियों का शोरूम

31
0

[ad_1]

Last Updated:

Success Story: अक्सर लोग पढ़ाई करने के बाद नौकरी देखते हैं, लेकिन आज हम आपको अलीगढ़ के एक ऐसे युवा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एएमयू से बीटेक करने के बाद लाखों रुपये पैकेज वाली नौकरी छोड़कर पिता का सपना पू…और पढ़ें

X

पिता

पिता के सपनों को दी उड़ान

हाइलाइट्स

  • सैयद मोहम्मद वारिस ने एएमयू से बीटेक के बाद नौकरी नहीं की
  • उन्होंने पिता के ट्रैवल्स बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया
  • अलीगढ़ मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर बने

अलीगढ़:- जब दिल में कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो और मकसद सिर्फ़ सफलता नहीं, बल्कि अपने माता-पिता के अधूरे सपनों को पूरा करना हो, तब हर राह आसान बन जाती है. अलीगढ़ के सैयद मोहम्मद वारिस की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. एक प्रतिभाशाली युवा, जिसने एएमयू से बीटेक करने के बाद लाखों के पैकेज वाली नौकरियों को ठुकरा कर अपने पिता के छोटे से ट्रैवल्स बिज़नेस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का संकल्प लिया. आज अलीगढ़ मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड सिर्फ एक कंपनी नहीं, बल्कि एक बेटे के प्यार, समर्पण और संघर्ष की जीती-जागती मिसाल बन चुकी है. वारिस की यह प्रेरणादायक कहानी हर उस युवा के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने माता-पिता के सपनों को अपने सपनों से ऊपर रखते हैं.

पिता का था सपना
सैयद मोहम्मद वारिस बताते हैं, कि उनका जन्म अलीगढ़ में 1996 में हुआ था. 2016 में उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अपनी बीटेक कंप्लीट की. उसके बाद कई सारे लाखों रुपए के पैकेज वाली जॉब के ऑफर आए. लेकिन अपने पिता का सपना साकार करने के लिए बिजनेस को आगे बढ़ने का निर्णय लिया. उन सभी लाखों रुपए के पैकेज को छोड़कर उन्होंने अपने पिता के छोटे से गाड़ियों के ट्रैवल्स बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए जॉइन किया. आगे वे बताते हैं, क्योंकि उम्र के हिसाब से उनके पिता की तबीयत सही नहीं रहती थी काफी खराब रहने लगी. साथ ही उनके पिता का सपना था कि उनका एक बड़ा सा गाड़ियों का शोरूम हो. ऐसे में उन्हें पिता का सपना पूरा करना था, इसीलिए अपनी कड़ी मेहनत और लगन से वे कारोबार में जुट गए और उनके इस कारोबार को एक नई दिशा दी.

खुद का शोरूम कर चुके हैं स्थापित
वारिस आगे बताते हैं, कि पापा के बिजनेस को बढ़ाने के लिए हम तीन भाइयों ने काफी मेहनत की. 2018 में हमने यह कंपनी स्थापित की अलीगढ़ मोटर के नाम से. आगे वे बताते हैं, आज हम तीनों भाई इस कंपनी में डायरेक्टर हैं और एक बड़ा शोरूम यहां स्थापित कर चुके हैं. जिससे हमारे पिता को बेहद सुकून मिलता है कि उनका सपना उनके बच्चों ने पूरा कर दिखाया है और हमें इसी बात का गर्व है. आज अलीगढ़ मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से हमारी इस कंपनी का शहर में बड़ा नाम है. हमारे इस शोरूम में अधिकतर रीयूज्ड गाड़ियों को सेल- पर्चेज किया जाता है. मेरे इस शोरूम में लगभग 50 से 55 गाड़ियां हमेशा मौजूद रहती हैं, जिसमें कई लग्जरी गाड़ियां भी शामिल हैं. मैं यही कहना चाहूंगा कि अगर संभव हो सके तो वह युवा अपने माता-पिता का सपना जरूर पूरा करें जो उनके माता-पिता चाहते हैं, क्योंकि ऐसा करने से उनको एक अलग ही सुकून मिलता है.

homebusiness

AMU से बीटेक, पिता के सपने के लिए नहीं की नौकरी, युवक ने खोल दिया कार शोरूम

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here