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अवैध रूप से चल रही श्रीराम क्लिनिक को टीम ने सील कर दिया है।
शिवपुरी जिले के पोहरी विकासखंड मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम की अचानक कार्रवाई करने पहुंची। श्रीराम क्लिनिक को अवैध रूप से चिकित्सकीय सेवाएं देने पर सील कर दिया। कार्रवाई की सूचना मिलते ही अन्य अवैध क्लिनिक संचालकों में अफरा-तफरी मच गई।
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कईयों ने अपनी दुकानों पर ताले लगाए और वह मौके से फरार हो गए। वहीं एक संचालक ने खुद को दुकान के अंदर ही कैद कर लिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय ऋषीश्वर ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी के निर्देश पर जिले में अवैध स्वास्थ्य संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील खंडोलिया, मलेरिया अधिकारी लालजू शाक्य एवं फार्मासिस्ट सोमनाथ गौतम की तीन सदस्यीय टीम को पोहरी भेजा गया।

टीम जब श्रीराम क्लिनिक पहुंची तो संचालक रविन्द्र सिंह यादव मौके पर नहीं मिले, जबकि दो मरीज महेश सिंह यादव (निवासी कढ़वगंज, पोहरी) और साधना यादव (पुत्री सोनेराम यादव, 20 वर्ष, निवासी बूराखेड़ा) का उपचार जारी था।
क्लिनिक का एक कर्मचारी मरीजों को ग्लूकोज चढ़ा रहा था। दस्तावेज मांगने पर क्लिनिक वैधता से संबंधित कोई कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोहरी भेजकर क्लिनिक को सील कर दिया गया।
टीम ने आगे पुराने अस्पताल के सामने स्थित एक अन्य अवैध क्लिनिक पर भी दबिश दी, लेकिन वहां मौजूद व्यक्ति ने खुद को अंदर से बंद कर लिया और टीम द्वारा कई बार आवाज देने के बावजूद दरवाजा नहीं खोला। वहीं किला रोड पर संचालित एक अवैध पैथोलॉजी लैब का संचालक भी टीम को देख ताला लगाकर भाग गया।
स्वास्थ्य विभाग की इस सख्त कार्रवाई से अवैध रूप से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे संचालकों में दहशत का माहौल है। विभाग ने आगे भी ऐसे संस्थानों पर कार्रवाई जारी रखने की चेतावनी दी है।

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