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हरदा में शनिवार को नगर पालिका सभागृह में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही ज्योति रात्रे का सम्मान किया गया। सद्भावना विचार मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं और बालिकाओं के साथ संवाद सत्र भी हुआ, जिसमें ज्योति ने अपने अनुभव साझा किए और
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‘हरदा को नक्शे में पहचान दिलाने का संकल्प लिया था’
कार्यक्रम में ज्योति रात्रे ने कहा, “बचपन से ही कुछ अलग करने का जुनून था। जब स्कूल में पढ़ती थी, तब मेरे मामा (पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष) भारत के नक्शे में हरदा को खोजा करते थे। तभी मन में ठान लिया था कि एक दिन अपने गांव कुकरावद को विश्व पटल पर पहचान दिलाऊंगी।” उन्होंने 55 वर्ष की उम्र में एवरेस्ट फतह कर यह सिद्ध कर दिया कि लक्ष्य प्राप्ति में उम्र कोई बाधा नहीं।
अब तक 5 महाद्वीप की ऊंची चोटियां फतह कर चुकीं
ज्योति रात्रे अब तक पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर चुकी हैं। उनका अगला लक्ष्य उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी को सर करना है। उन्होंने हंसते हुए एक रोचक किस्सा भी साझा किया कि “बचपन में जो सत्तू मां खिलाया करती थीं, वही एवरेस्ट चढ़ाई के दौरान मेरा सबसे बड़ा ऊर्जा स्रोत बना।”

सम्मान समारोह में कई अधिकारी और बच्चे शामिल रहे।
‘हर विफलता लक्ष्य की राह दिखाती है’
संवाद सत्र में उन्होंने कहा, “असफलताओं से डरना नहीं चाहिए। हर विफलता कुछ सिखाकर जाती है और लक्ष्य की ओर एक कदम और बढ़ाती है।” उन्होंने बताया कि किस तरह परिवार के सहयोग से उन्होंने यह कठिन अभियान पूरा किया और एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर देश का नाम रोशन किया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका अध्यक्ष भारती कमेडिया ने की, जबकि शिक्षाविद डॉ. विनिता रघुवंशी मुख्य अतिथि रहीं। कार्यक्रम का संयोजन ज्ञानेश चौबे ने किया। आयोजन में मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की हरदा जिला इकाई का सहयोग रहा।
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