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भारत ने पाकिस्तान से तनाव के बीच 85 शॉर्ट रेंज डिफेंस मिसाइल, 48 लॉन्चर और 48 नाइट विजन साइट खरीदने का फैसला किया है. यह कदम पहलगाम हमले के बाद उठाया गया है.
भारत ने शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस मिसाइल खरीदने का फैसला किया है. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूत करने में लगा है.
- पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत 85 मिसाइलें खरीद रहा है.
- पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव का माहौल है.
नई दिल्ली. पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत ने शॉर्ट रेंज डिफेंस मिसाइल खरीदने का फैसला किया है. इसके बाद भारत का एयर डिफेंस सिस्टम और भी मजबूत हो जाएगा. 85 डिफेंस मिसाइल के अलावा 48 लॉन्चर और 48 नाइट विजन साइट भी खरीदे जाएंगे.
दरअसल, सेना ने एयर डिफेंस के लिए नेक्स्ट जनरेशन एयर डिफेंस सिस्टम VSHORAD (NG) की खरीद प्रक्रिया शुरू की है. इसी के तहत रक्षा मंत्रालय ने 48 लॉन्चर, 48 नाइट विजन साइट, 85 मिसाइल और 1 मिसाइल टेस्टिंग स्टेशन खरीदने के लिए आरएफपी जारी किया है.
VSHORADS का मतलब है वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम. रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में भारतीय सेना की जरूरतों को विस्तार से बताया गया है. यह डिफेंस मिसाइल सिस्टम दिन-रात चौबीस घंटे किसी भी मौसम में दुश्मनों को मौत की नींद सुला सकता है.
इतना ही नहीं, हाई एल्टीट्यूड एरिया, प्लेन एरिया, रेगिस्तान, तटीय इलाकों के साथ साथ समुद्री इलाकों में भी मिसाइल सिस्टम कारगर रहेंगे. भारतीय सेना ने कहा है कि जो डिफेंस सिस्टम खरीदे जाएंगे, उसकी मारक क्षमता कम से कम 500 मीटर से लेकर अधिकतम 6000 मीटर ज्यादा होनी चाहिए.
भारत ऐसे में इन मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दे रहा है, जबकि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के साथ उसका तनाव चरम पर है. 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों में हालात बिगड़ गए हैं. इस हमले में 22 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
चार भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने पहलगाम में क्रूर हमला किया था. प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘लश्कर-ए-तैयबा’ से जुड़े ‘टीआरएफ’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. हमलावरों में से दो के पाकिस्तानी नागरिक होने की पुष्टि हुई है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने हमले से इनकार करते हुए घटना के सबूत मांगे हैं. भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के साथ ही राजनयिक संबंधों को कम कर दिया.
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