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राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में स्वच्छ भारत मिशन की वास्तविकता सामने आई है। नगर परिषद के वार्ड 15 में स्थित सार्वजनिक शौचालय मवेशियों का अड्डा बन गया है।
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यह शौचालय 2016-17 में 12 लाख 96 हजार रुपए की लागत से बनाया गया था। इसका उद्देश्य खुले में शौच को रोकना था। लेकिन आज यहां दो मवेशी आराम फरमाते मिले। शौचालय में धूल, कचरा और गोबर फैला हुआ है।
दीवार पर लिखा- स्वच्छता बनाए रखें दीवारों पर ‘स्वच्छता बनाए रखें’ का संदेश लिखा है, लेकिन न तो कोई सफाईकर्मी है और न ही निगरानी की व्यवस्था। सात साल बीत जाने के बाद भी इसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
कभी-कभार ही सफाई होती है- स्थानीय स्थानीय लोगों के अनुसार शौचालय में कभी-कभार ही सफाई होती है। यह स्थिति नगर परिषद अध्यक्ष के वार्ड में है। जनता ने नगर परिषद से नियमित सफाई और कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग की है। स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित सार्वजनिक सुविधाएं देना था। लेकिन खिलचीपुर में यह लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा। सार्वजनिक धन से बना यह शौचालय आज उपेक्षा का शिकार है।
कर्मचारी की कमी है: CMO दैनिक भास्कर द्वारा पूछे जाने पर नगर परिषद के CMO अशोक पांचाल ने कहा कि यदि शौचालय में कचरा फैला है तो वे तुरंत दरोगा को बोलकर सफाई करवाते हैं। पहले वहां सफाई कर्मचारी तैनात था, लेकिन फिलहाल कर्मचारी की कमी है।
दो तस्वीरों में देखिए शौचालय की वर्तमान स्थिति…


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