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केंद्र की मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। केन्द्रीय कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने इस फैसले को मंजूरी दी है। इस निर्णय के बाद कांग्रेस सवाल उठा रही है कि साल 2011 में मनमोहन सरकार ने SECC यानि सोश्यो इकोनॉमिक कास्ट सेंशस क
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कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने शेयर किया अरुण जेटली का वीडियो MP कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली का वीडियो X पर शेयर करते हुए लिखा- आप ही की पार्टी के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कांग्रेस सरकार के इस आदेश पर जातिगत आंकड़े सार्वजनिक करने के लिए नीति आयोग के उपाध्यक्ष पनगड़िया जी की अध्यक्षता में कमेटी बनाने की घोषणा की थी।
बेहद दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि आंकड़े तो दूर की बात उस कमेटी का गठन भी नहीं हुआ। अगर आप भूल गए हैं तो आपकी जानकारी के लिए प्रेस कांग्रेस के कुछ अंश आपके साथ साझा कर रहा हूं।
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सवाल: जातिगत जनगणना के फैसले को राहुल गांधी अपनी जीत बता रहे हैं? जवाब: ये हास्यास्पद है कि वे श्रेय लेने के लिए उछल-कूद कर रहे हैं। ये हमारे कारण हो गया। अरे, तुम्हारे पास है क्या? सरकार एनडीए की है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में फैसला हुआ है। लेकिन, राहुल जी और कांग्रेस ये बताए कि जब उनकी सरकार थी तब फैसला क्यों नहीं लिया?

शिवराज बोले, पहले प्रधानमंत्री पं.नेहरू जी का दृष्टिकोण क्या था? कांग्रेस के डीएनए में गरीब और पिछड़ा विरोध है। आरक्षण का विरोध भी इनके डीएनए में हैं। पंडित नेहरू ने जब 1961 में मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखे थे, उससे ही उनका आरक्षण विरोधी चरित्र स्पष्ट हो जाता है।
स्वर्गीय इंदिरा जी ने, राजीव गांधी ने क्या किया? मंडल कमीशन की रिपोर्ट किसने दबाई? क्यों इतने सालों तक जातिगत जनगणना नहीं हुई? सरकार में हैं तो नहीं करेंगे और जब विपक्ष में हैं तो मांग करेंगे। ये दोहरा चरित्र नहीं हैं क्या? भ्रम फैलाना और झूठ बोलना ये कांग्रेस के डीएनए में हैं।
सवाल: कांग्रेसी कह रहे हैं SECC का मतलब ही सोश्यो इकोनॉमिक कास्ट सेंशस था। 2014 में आपकी सरकार आने के बाद जातिगत आंकडे़ जारी नहीं होने दिए। जवाब: ये काम किसका था? इतना भ्रम था कि कोई उन पर भरोसा ही नहीं कर सकता था। आज भी कुछ राज्यों ने अपने-अपने स्तर पर सर्वे करवाए। कुछ ने सही किए होंगे, लेकिन उसके कारण बवंडर मचा। जनगणना केंद्र का विषय है।
ऐसे में यह फैसला किया गया कि पूर्णत: पारदर्शी तरीके से देश के हित में समाज के आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए सर्वांगीण विकास के लिए सटीक और सही आंकड़े चाहिए। पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से जातिगत जनगणना होगी। और ये सामाजिक न्याय का आधार बनेगी।
सवाल: क्या इस जातिगत जनगणना के आधार पर राजनैतिक भागीदारी तय होगी? जवाब: सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास ये हमारा मूलमंत्र है। इसी सरकार ने मोदी जी के नेतृत्व में फैसला किया था, जो आर्थिक रूप से जो हमारे कमजोर भाई-बहन थे, उन्हें 10% आरक्षण देने का फैसला किया था। देश में कहीं तनाव पैदा नहीं हुआ। सर्वसम्मति से लागू हुआ।
सवाल: ये जातिगत जनगणना कब से शुरू होगी? इसके आंकड़े कब तक सामने आएंगे? जवाब: सब कुछ तय समय पर होगा। टाइमलाइन भी सामने आएगी और सामाजिक न्याय की दिशा में क्रांतिकारी साबित होने वाली इस जातिगत जनगणना के आंकड़े भी सबके सामने आएंगे।

शिवराज ने प्रेस कांफ्रेंस में भी राहुल गांधी पर निशाना साधा था।
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए। शिवराज ने कहा, आज बातें की जा रही हैं, तारीख बताइए? क्या तुमसे पूछ कर तारीख बताएंगे? विपक्ष के कहने पर तारीख बताएंगे? तारीख भी तय होगी, जातिगत जनगणना भी होगी। राष्ट्र और समाज के व्यापक हित में उसका उपयोग किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…
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