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परिवार वालों को समझाइश देती टीम।
गुना में अक्षय तृतीया के अवसर पर कई जगहों पर बाल विवाह रुकवाए। राघौगढ़ इलाके में 6 गांव और चांचौड़ा इलाके में एक गांव में प्रशासन की टीम ने बाल विवाह रुकवाए। टीम ने 18 वर्ष की उम्र से पहले विवाह न कराने की समझाइश दी।
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ग्राम कांकरिया के लड़के (24) की शादी घोरला खेड़ा की लड़की से कराई जा रही थी। उसकी उम्र रिकार्ड के अनुसार 17 वर्ष 6 माह मिली। दल ने मौके पर पहुंचकर कानूनी कार्यवाही की जानकारी देकर रुकवाया गया।
लिखित रूप से चेतावनी दी गई की बाल विवाह में किसी भी रूप में शामिल होने पर संबंधित के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई प्रशासन एवं पुलिस द्वारा की जाएगी। लड़के व लड़की दोनों ही पक्षों द्वारा समक्ष में अपने कथन प्रस्तुत किए गए कि उनके द्वारा जब तक बालिका 18 वर्ष की नहीं हो जाती, तब तक विवाह नहीं किया जाएगा।

गांव में पहुंची टीम।
प्रशासन को बांसखेड़ी, मझेरा, बेरवास, गावरी, कोलुआ और रूठियाई आदि जगहों पर अक्षय तृतीया पर बाल विवाह होने की शिकायतें प्राप्त हुई थी। महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी संतोष अलावा, पर्यवेक्षक प्रीति मोर्य, सन्तोष विजयवर्गीय, स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, राजस्व और पुलिस की टीम ने गांवों का भ्रमण किया। इन गांवों में नाबालिग लड़कियों की शादी कराई जा रही थी।
टीम ने लड़कियों की उम्र के सम्बंध में प्रमाणित दस्तावेज मांगे। दस्तावेज के अनुसार 18 वर्ष पूर्ण नहीं होने पर बाल विवाह अधिनियम, कानूनी कार्यवाही, सजा के प्रावधानों की समझाइश दी गई, तो संबंधित परिवार, रिश्तेदारों ने आपसी सहमति से विवाह नही करने की सहमति दी। सर्व सम्मति से परिवार व रिश्तेदारों ने निर्णय लिया कि दुल्हन की उम्र 18 पूरी नहीं हो जाती, तब तक उसका विवाह नही करेंगे।

बाल विवाह रुकवाए पहुंची टीम।
ऐसा ही एक मामला चांचौड़ा इलाके में आया। ग्राम काकरिया पंचायत बतावदा ब्लॉक चाचौड़ा में बाल विवाह रोकने की कार्यवाही की गई। एसडीएम रवि मालवीय द्वारा गठित टीम मयंक खेमरिया तहसीलदार चाचौड़ा, श्रवण नागले परियोजना अधिकारी महिला, बाल विकास विभाग, पुलिस बल मृगवास के संयुक्त दल द्वारा मौके पर पहुंचकर लड़के एवं लड़के के परिजनों को बाल विवाह न करने कि समझाइश दी गई।
महिला बाल विकास विभाग राघौगढ़ जिला गुना के ने क्षेत्र के कई स्थानों पर जाकर बाल विवाह रुकवाए।
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