[ad_1]
![]()
मंत्रालय में निवेश संवर्धन समिति की बैठक मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ली।
प्रदेश में सेक्टर कॉन्क्लेव जैसे प्रमुख आयोजन उन्हीं स्थलों पर आयोजित किए जाएं, जहां औद्योगिक गतिविधियां संचालित हैं। अधिकारी उन क्षेत्रों की ओर भी विशेष ध्यान दें, जहां औद्योगिक गतिविधियां अपेक्षाकृत धीमी रही हैं। औद्योगिक गतिविधियों का केवल आयोजन ह
.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मंत्रालय में उच्च-स्तरीय बैठक में उद्योग एवं रोजगार वर्ष-2025 के प्रस्तावित कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025 के संकल्प को साकार करने के लिए सभी विभागों और एजेंसियों को समन्वित प्रयास करना होगा। उन्होंने साल भर के कार्यक्रम कैलेंडर के अनुसार गतिविधियों का संचालन कर हर माह प्रोग्रेस का रिव्यू करने के लिए कहा है। हर आयोजन प्रदेश के संतुलित और समावेशी औद्योगिक विकास की दिशा में ठोस कदम साबित हो, ऐसे प्रयास किए जाएं।
इंडस्ट्री डेवलपमेंट और रोजगार ही फोकस हो
सीएम ने कहा कि उन क्षेत्रों की ओर भी विशेष ध्यान दे, जहां औद्योगिक गतिविधियां अपेक्षाकृत धीमी रही हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि इन क्षेत्रों में सेक्टर-केंद्रित आयोजनों और विशेष प्रयासों के माध्यम से औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की प्रक्रिया को तीव्र गति से किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सक्रिय औद्योगिक क्षेत्रों में उपलब्ध ऊर्जा और संसाधनों का उपयोग करते हुए अन्य क्षेत्रों में भी औद्योगिक वातावरण का विस्तार किया जाए।
किसानों के हिसाब से तय हो नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं
यादव ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को कृषकों के हित में डिजाइन किया जाए। इससे सौर ऊर्जा उनकी आय में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि महिला सशक्तिकरण के लिए भी स्व-सहायता समूह की गतिविधियों पर आधारित कार्यक्रम किए जाएं। जिससे अधिक से अधिक महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बने और प्रदेश के विकास में सहयोगी बन सकें। कृषि से जुड़े प्रत्येक आयोजन में सौर ऊर्जा एवं सौर पम्प के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। कृषकों को इस संबंध में संचालित शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जाए।
तय कैलेंडर के आधार पर हों कार्यक्रम
सीएम ने कहा कि उद्योग एवं रोजगार वर्ष में स्टार्ट-अप प्रोत्साहन, एमएसएमई विकास, निर्यात संवर्धन, कौशल उन्नयन, रोजगार मेले, निवेश संवर्धन सम्मेलन जैसे सभी प्रमुख कार्यक्रम निर्धारित वार्षिक कैलेंडर के अनुसार संचालित किए जाएं। रोजगार संवर्धन के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि औद्योगिक गतिविधियों का केवल आयोजन ही नहीं, बल्कि उनके ठोस परिणाम हासिल करना विभागों की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए विभागीय समन्वय को बेहतर बनाया जाए और कार्यक्रमों की गुणवत्ता तथा समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष-भर चलने वाले इन आयोजनों की मासिक समीक्षा नियमित रूप से की जाए। हर कार्यक्रम के आयोजन के बाद उसकी उपलब्धियों, चुनौतियों और सुधार के बिंदुओं का विश्लेषण किया जाए, जिससे अगली गतिविधियों में उन्हें समाहित किया जा सके।
[ad_2]
Source link



