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शिवहर की रुबी कुमारी ने नर्सरी से कमाए लाखों, सास भी कर रही मदद.

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Bihar News In Hindi: रूबी कुमारी ने सास के मना करने के बावजूद नर्सरी शुरू की और अब हर साल 4-5 लाख कमाती हैं. पति की मौत के बाद गरीबी से जूझते हुए, उन्होंने जीविका समूह से जुड़कर समाज की अन्य महिलाओं को भी प्रेर…और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • रूबी कुमारी ने पति की मौत के बाद नर्सरी शुरू की.
  • रूबी की नर्सरी में 13 प्रकार के पौधे हैं.
  • रूबी हर साल 4-5 लाख रुपये कमाती हैं.

सीतामढ़ी: किसी ने सही कहा है कि सफलता के लिए जुनून जरूरी होता है, फिर हर मुश्किल को आसानी से पार किया जा सकता है. इस कहावत को सच कर दिखाया है शिवहर की रूबी कुमारी ने. शिवहर जिले के मीनापुर बलहा गांव की रहने वाली जीविका समूह से जुड़ी रूबी ने सास के लाख मना करने के बावजूद अपना काम शुरू किया और आज उनका पूरा परिवार खुशहाल है. रूबी के पति की अचानक मृत्यु हो जाने के बाद वह दो रुपए के लिए भी तरसती थीं. आज वह अपनी मेहनत से हर साल लाखों कमा रही हैं. उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकाला बल्कि अब अपने समाज की अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

सास ने पहले यह काम करने से किया मना
रूबी कुमारी ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि उसकी शादी 2010 में हुई थी. उसके पति कृष्णनंदन कुमार ड्राइवर थे, जिनकी 2013 में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. इसके बाद घर की स्थिति बहुत खराब हो गई. इसी बीच वह हरी सब्जी की खेती करके जैसे-तैसे परिवार चला रही थी. लेकिन जब बच्चों को पढ़ाने का समय आया तो घर की स्थिति और भी खराब हो गई. इसी बीच कुछ महिलाओं ने उसे जीविका के बारे में बताया. उसने 2016 में जीविका से जुड़कर 2023 में नर्सरी के लिए लोन लिया और पौधशाला शुरू कर दी. रूबी ने बताया कि जब उसने यह काम शुरू किया तो उसकी सास ने मना किया था. हालांकि, रूबी ने अपनी सास को समझाकर नर्सरी शुरू की.

रूबी के नर्सरी में 13 तरह के अलग अलग पौधा है
आज उसकी सास भी काम में मदद कर रही हैं. रूबी ने बताया कि उसने 12 कट्टे जमीन में नर्सरी लगाई है, जो उसकी खुद की जमीन है. इस नर्सरी में 13 तरह के पौधे उपलब्ध हैं, जिन्हें वह जीविका समूह के माध्यम से बेचती है. नर्सरी में तैयार पौधे जीविका कार्यालय से जुड़ी महिलाओं को अनुदानित मूल्य पर बेचे जाते हैं. इसके अलावा वन विभाग भी पौधे खरीदकर भुगतान जीविका के माध्यम से करता है. रूबी दो साल से यह काम कर रही है और हर साल खर्च निकालकर 4 लाख से 5 लाख रुपए का मुनाफा कमा रही है. अभी उसके पास आम, लीची, अमरूद, पपीता, नींबू, आंवला, कटहल, सागवान, महोगनी, अर्जुन समेत अन्य पौधे उपलब्ध हैं. इसके अलावा रूबी हरी सब्जी की खेती और पशुपालन भी करती हैं.

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Bihar News: पति की मौत के बाद घर की बिगड़ी हालात तो महिला ने शुरु किया नर्सरी

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