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विभाग में किया था आवेदन, आरोपी बोला- फ्री में कभी ट्रांसफर नहीं होता
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एक जालसाज ने खुद को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव का पीए बताकर 2 लाख रुपए ठग लिए। यह ठगी छिंदवाड़ा की एएनएम से ट्रांसफर कराने के नाम पर की गई। रकम लेने के बाद आरोपी ने मोबाइल बंद कर लिया। पीड़िता के पति मनीष पटेल की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने प्रदीप जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक फरियादी मंडला निवासी मनीष पटेल प्रधान आरक्षक हैं और वर्तमान में डिंडौरी में पदस्थ हैं। उनकी पत्नी राजश्री छिंदवाड़ा के उपस्वास्थ्य केंद्र ग्राम चाखला सीएचसी तामिया में कार्यरत हैं। वह पिछले एक साल से ट्रांसफर के लिए प्रयासरत थीं। कार्यालय में आवेदन दे चुकी थीं।
ट्रांसफर के संबंध में 17 मार्च 2025 को राजश्री की बात हर्ष राजपूत से हुई। खुद को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव का पीए बताने वाले हर्ष ने कहा, ‘स्थानांतरण के संबंध में तुम्हारा पत्र मिला है। लेकिन फ्री में किसी का ट्रांसफर नहीं होता। इसके लिए कुछ खर्च लगता है। पैसा खर्च नहीं करोगे तो तुम्हारा ट्रांसफर नहीं होगा।’ राजश्री ने पति को पूरी कहानी बताई।
कुछ दिन बाद आरोपी ने फोन कर बताया, ‘ट्रांसफर के लिए 2 लाख रुपए लगेंगे।’ आरोपी ने एक आवेदन प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग के नाम से बनवाकर वॉट्सएप पर मंगवाया। 18 मार्च को हर्ष राजपूत को 50 हजार, 19 मार्च को 46,200, 1,500, 2,300, 22 मार्च को 70 हजार, 10 हजार और 80 हजार रुपए भेजे। 25 मार्च को 20 हजार रुपए फिर भेजे। इस तरह 2 लाख रुपए भेजे। इसके बाद हर्ष ने मोबाइल बंद कर लिया। वॉट्सएप पर भी कोई जवाब नहीं दिया।
भोपाल आकर जानकारी ली
संपर्क न होने पर मनीष पटेल भोपाल आए। जानकारी जुटाने पर पता चला कि पैसा प्रदीप जैन नाम के व्यक्ति के खाते में गया है। मनीष ने एमएलए रेस्ट हाउस के पास प्रदीप से मुलाकात की। रकम मांगने पर प्रदीप कहने लगा, ‘जो चाहो कर लो, पैसा वापस नहीं मिलेगा।’ इसके बाद मनीष ने क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत दर्ज कराई।
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