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The story of Sunil Nathaniel’s last tour from Indore | पहलगाम में मारे गए सुनील के आखिरी टूर की कहानी: मौत से पहले बेटे से कहा- देख तेरी मां कितनी हिम्मत वाली है; आतंकी हर लाश के साथ सेल्फी ले रहे थे – Indore News

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पिता सुशील नथानियल को खोने वाले ऑस्टिन गोल्डी ने पहलगाम हमले का घटनाक्रम बयां किया।

पहलगाम आतंकी हमले में इंदौर के सुशील नथानियल की मौत हो गई। वे बेटे ऑस्टिन गोल्डी, बेटी आकांक्षा और पत्नी जेनिफर के साथ कश्मीर घूमने गए थे। गुरुवार को इंदौर में सुशील के अंतिम संस्कार के बाद उनके बेटे ऑस्टिन गोल्डी ने दैनिक भास्कर से बात की।

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ऑस्टिन ने कहा- जब आतंकी पापा के पास आए तो उन्होंने पूछा कि आप मुसलमान हो? पापा ने मना कर दिया। फिर उन्होंने कहा- कलमा पढ़कर सुनाओ। मेरे पापा ने कहा- मैं कलमा कैसे पढ़ूंगा, मैं तो क्रिश्चियन हूं। इतना सुनते ही आतंकवादियों ने पहले सीने और फिर सिर में गोली मार दी। हमारी आंखों के सामने ये सब हुआ और हम यह सब देखते रह गए।

ऑस्टिन ने यह भी बताया कि आतंकी हर लाश के साथ सेल्फी ले रहे थे। वे वीडियो बनाते और पक्का करते कि जिसको गोली मारी है, वो मरा है या नहीं। पिता के साथ इंदौर से लेकर पहलगाम तक की पूरी यात्रा को साझा करते हुए ऑस्टिन भावुक नजर आए।

बेटी आकांक्षा, बेटे ऑस्टिन और पत्नी जेनिफर के साथ सुशील नथानियल।

बेटी आकांक्षा, बेटे ऑस्टिन और पत्नी जेनिफर के साथ सुशील नथानियल।

ऐसे बना कश्मीर जाने का प्लान

बेटे ऑस्टिन ने बताया कि हमारा कहीं ओर घूमने जाने का प्लान था। पापा एलआईसी में थे। लेकिन, उनका शेड्यूल मैच नहीं हो पा रहा था। दूसरे कारण भी थे। हमने सोचा था इस बार इस्टर बाहर ही मनाएंगे। तय हुआ कि सूरत में बहन आकांशा के पास जाते हैं। वहां से घूमने जाएंगे। हम इंदौर से सूरत पहुंचे। यहां पर दो दिन रुके। पापा, बहन और मम्मी के साथ बैठकर घूमने जाने का प्लान बनाया।

सूरत से जाने के पहले हमने हमने तय किया था हम चार लोग जा रहे हैं। हमें खुश रहना है। प्लान तैयार होने के बाद हम सूरत से प्लेन से चंडीगढ़ गए। यहां पर शॉपिंग की। इस ट्रिप को लेकर हम सभी एक्साइटेड थे। मैंने घूमने के सभी फोटो-वीडियो बनाए। यहां तक की बोर्डिंग पास के भी फोटो-वीडियो बनाए थे।

पापा ने कहा- मम्मी को देख कितनी हिम्मत वाली है

ऑस्टिन ने बताया कि पहलगाम में हमने पहली बार घुड़सवारी की। घुड़सवारी के दौरान थोड़ा डर भी लग रहा था। तब पापा ने कहा कि पहली बार घुड़सवारी पर डर तो लगता है। हमने फेरिस में भी चक्कर लगाया। यहां हम इंजॉय कर रहे थे। बहन को चलने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो वह दूर रुक गई।

मम्मी-पापा और मैं रोप-वे की तरफ चले गए। जब मम्मी रोप-वे में थी तब पापा और मैं साथ में थे। इस दौरान पापा ने मुझे कहा कि देख तेरी मम्मी कितनी हिम्मत वाली है। जब पापा से मेरी बात हो गई तब पापा फिर मम्मी के पास गए और मैं बहन के पास जाने लगा।

पापा और मम्मी रोप-वे के पास बने वॉशरूम पहुंचे। उन्होंने कहा कि वॉशरूम होकर ही चलते हैं। इसके बाद वे उस तरह चले गए। जिसके बाद ये पूरा घटनाक्रम हो गया।

हमारे सामने नेवी के अधिकारी को गोली मारी थी। आतंकवादी ने उनसे कहा कि कलमा पढ़कर बताओ। उन्होंने कलमा पढ़ दिया तो उन्होंने उनकी पेंट उतारने को कहा, जब उन्होंने पेंट उतारी तो उन्हें भी गोली मार दी।

कई लाशें मैदान में पड़ी थी

ऑस्टिन ने बताया कि जिधर देखो उधर लाशें पड़ी थीं। पिता ने हमें तो बचा लिया, लेकिन बहुत सारे बच्चों के पिता ऐसा नहीं कर पाए। कई लाशें उस मैदान में पड़ी थीं। चारों तरफ चीख-पुकार थी। आतंकी हर लाश के साथ सेल्फी ले रहे थे। वीडियो बनाते और पक्का करते कि जिसको गोली मारी है, वो मरा है या नहीं। उसके बाद आगे बढ़ते। समझ नहीं आ रहा था कि किधर जाएं और क्या करें।

इंदौर में गुरुवार को सुशील नथानियल का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इंदौर में गुरुवार को सुशील नथानियल का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

बहन का पैर फैक्चर, आज हो सकता है ऑपरेशन

ऑस्टिन ने बताया कि बहन को गोली नहीं लगी है। उसका पैर फैक्चर हुआ है। उसका इलाज चल रहा है। वह बॉम्बे अस्पताल में एडमिट है। बताया जा रहा है कि फैक्चर का शुक्रवार को ऑपरेशन भी हो सकता है। परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक बेटी का पैर फैक्चर पहलगाम में गिरने के कारण हुआ था।

ऑस्टिन ने यह भी कहा कि कश्मीर जैसी जगह में जाते हो तो पहले देखकर जाइए की वहां पर आर्मी है या नहीं। पुलिस है या नहीं। क्योंकि वह सबसे बड़ा टूरिस्ट स्पाट है।

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पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले इंदौर के सुशील नथानियल का अंतिम संस्कार जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति रिवाज से किया गया। इससे पहले सुशील की अंतिम यात्रा वीणा नगर स्थित उनके घर ‌B 68 से शुरू हुई। पार्थिव शरीर विशेष वाहन में नंदा नगर चर्च पहुंचाया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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