Home मध्यप्रदेश Bhopal: Tomato Price In Mp Is 3 To 4 Rupees Per Kg,...

Bhopal: Tomato Price In Mp Is 3 To 4 Rupees Per Kg, Pcc Chief Said- Testing Farmers’ Patience Should Stop, Gov – Amar Ujala Hindi News Live

34
0

[ad_1]

मध्य प्रदेश में टमाटर उत्पादक किसान फिर से संकट से गुजर रहे हैं। टमाटर का भाव 3 से 4 रुपए किलो तक गिर गया है, जिससे किसानों को न सिर्फ़ लागत से कम दाम मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें सिंचाई तक रोकनी पड़ी है। खेतों में पकी हुई फसल को किसान अब सड़ा रहे हैं या मवेशियों को खिला रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि यह हालात प्राकृतिक आपदा के कारण नहीं, बल्कि सरकारी उदासीनता और नीतिगत विफलता का नतीजा हैं। छतरपुर के किसान आज जिंदा हैं, लेकिन उनकी उम्मीद मर रही है। मेहनत की फसल मिट्टी हो जाए और सरकार चुप रहे, ये अन्याय है। किसान कोई याचक नहीं, वह देश का अन्नदाता है। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना होगा।  

किसानों की प्रदेशव्यापी समस्या

 पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि टमाटर से जुड़ा यह संकट भी नया नहीं है, यह मप्र के किसानों की प्रदेशव्यापी समस्या है। क्योंकि, टमाटर उत्पादकों के साथ मप्र में बार-बार सरकारी अन्याय हो रहा है! टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी, दमोह, रतलाम, मंदसौर, धार सहित कई जिलों में किसान हर साल टमाटर उपजाते हैं, लेकिन उन्हें सही बाज़ार, मूल्य और संरक्षण नहीं मिल पाता! प्रोसेसिंग यूनिट्स नहीं होने के कारण किसानों को अपनी उपज सस्ते में बेचना या नष्ट करना पड़ता है! चिंताजनक यह है कि सरकार के पास न नीति है और न ही कोई भाव नियंत्रण योजना! 

 

यह भी पढ़ें-मध्य प्रदेश में आज 15 से ज्यादा जिलों में लू का अलर्ट, कल से 2 दिन कुछ जिलों में बारिश की संभावना

जीतू पटवारी की सरकार से पांच मांग 

1. टमाटर और सब्ज़ी उत्पादकों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किहया जाए।

2. प्रत्येक ज़िले में सरकारी खरीदी केंद्र खोले जाएं, जहां किसानों की उपज को न्यूनतम मूल्य पर खरीदा जा सके।

3. प्रभावित किसानों को तत्काल हहत पैकेज दिया जाए, प्रति क्विंटल नुकसान की भरपाई की जाए।

4. प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज और फूड पार्क्स स्थापित कर किसानों की उम्मीद मजबूत की जाए।

5. राज्य में सब्जी उत्पादक किसानों के लिए दीर्घकालिक कृषि नीति लागू की जाए, जिससे हर साल उन्हें मंडी और भाव के संकट से जूझना न पड़े।

गेहूं, धान, सोयाबीन के किसानों की भी सुनवाई हो!  

यह भी पढ़ें-सीएम डॉ. यादव बोले- 27 अप्रैल को इंदौर में आईटी और तीन मई को मंदसौर में एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव

गेहूं, धान और सोयाबीन के किसान भी गंभीर संकट में

 जीतू पटवारी ने फिर दोहराया कि प्रदेश में केवल टमाटर उत्पादक नहीं, बल्कि गेहूं, धान और सोयाबीन के किसान भी गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। गेहूं की सरकारी खरीदी में हर साल देरी और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण किसान खुले बाजार में औने-पौने दाम पर बिक्री को मजबूर हैं। धान की खरीदी में भ्रष्टाचार, तौल मशीनों की कमी और दलालों की दखल आम है। सोयाबीन के एमएसपी की तुलना में बाजार मूल्य लगातार कम है, और बोनस योजनाएं भी अधूरी हैं। ई-उपार्जन पोर्टल बार-बार ठप हो रहा है, किसान लाइन में खड़े होकर अपमानित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि गेहूं के लिए 2700, धान के लिए 3100 और सोयाबीन के लिए 6000 प्रति क्विंटल को कब से लागू किया जाएगा?  

राज्य स्तर पर लाई जाएगी किसान न्याय नीति

जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने पर हर प्रमुख फसल का एमएसपी तय करेगी और उसे कानूनी दर्जा दिलाने की दिशा में हर संभव प्रयास करेगी। राज्य स्तर पर ‘किसान न्याय नीति’ लाई जाएगी जिसमें किसान को न सिर्फ मूल्य, बल्कि उसकी उपज के आधार पर बीमा, बोनस और संरक्षण मिलेगा। फसल के अनुसार जरूरी जिलों में ब्लॉक स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट्स और जिला स्तर पर किसानों की मंडी तक सीधी पहुंच की योजना बनाई जाएगी।  

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here