मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे के पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई की। मध्य प्रदेश के विभिन्न उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त होने के संबंध में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को यह पत्र लिखा गया था।
युगलपीठ को सुनवाई के दौरान बताया गया कि याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय न्यायालय में पक्ष प्रस्तुत करेंगे। युगलपीठ ने एक सप्ताह का समय प्रदान करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 2 मई को निर्धारित की है। चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि मध्य प्रदेश के 61 प्रतिशत जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष के पद रिक्त हैं। यह जानकारी स्वयं राज्य उपभोक्ता आयोग की वेबसाइट पर दर्शाई गई है। जनवरी 2025 की स्थिति के अनुसार, 51 जिलों में से 31 में अध्यक्ष के पद रिक्त थे।
याचिका में कहा गया था कि जिन जिलों में अध्यक्ष नियुक्त हैं, उन्हें अन्य जिलों का प्रभार भी दिया गया है। अध्यक्ष के पद रिक्त होने से उपभोक्ताओं द्वारा दायर परिवादों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। उपभोक्ता फोरम में लंबित प्रकरणों का अंबार लग गया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने पत्र की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किए थे। याचिका पर बुधवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता डॉ. पी.जी. नाजपांडे की ओर से युगलपीठ को उक्त जानकारी दी गई। युगलपीठ ने अधिवक्ता की नियुक्ति से संबंधित कार्यवाही के लिए एक सप्ताह का समय प्रदान किया है।