अल्प वर्षा और जलसंकट को लेकर जिले को जल अभाव ग्रस्त घोषित कर दिया गया है। इसके बाद भी जिले में चोरी-छिपे बोरवेल खनन का काम चल रहा है। जिले शाहगंज निवासी दिनेश साहू की शिकायत पर शाहगंज के ग्राम बांसगहन में बिना अनुमति के बोरवेल खनन करने पर मशीन चालक प्रभुराम, सुपरवाइजर बालाजी एवं शाहगंज के ग्राम बांसगहन निवासी देवेंद्र सिंह के विरूद्ध शाहगंज थाने की बकतरा चौकी में बीएनएस की धारा 223 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही बोरवेल मशीन को जब्त कर लिया गया है।
शिकायत प्राप्त होने पर शाहगंज के नायब तहसीलदार रीतेश जोशी, पटवारी एवं पुलिस बल के साथ ग्राम बांसगहन के किसान देवेन्द्र सिंह के खेत पर पहुंचे और खेत पर बोरवेल मशीन चलती हुई पाई गई। अधिकारियों द्वारा बोरिंग मशीन के ग्रामीण सीमा में प्रवेश और बोरवेल खनन की अनुमति के बारे में पूछने पर पता चला कि बोरवेल मशीन के प्रवेश एवं बोरवेल खनन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है। बिना अनुमति के बोरवेल खनन करने तथा ग्रामीण सीमा मे प्रवेश करने पर बोरवेल मशीन जब्त कर बकतरा पुलिस चौकी भेजी गयी है। इसके साथ ही रतलाम जिला निवासी बोरवेल मशीन चालक प्रभुराम, तमिलनाडु राज्य निवासी सुपरवाईजर बालाजी तथा ग्राम बांसगहन निवासी देवेन्द्र सिंह के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
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बिना अनुमति बोरवेल खनन करने पर लगाया है प्रतिबंध
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर बालागुरू के ने गिरते भूजल स्तर एवं पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए जिले की सीमा में बोरवेल मशीन के बिना अनुमति प्रवेश करने तथा बिना अनुमति बोरवेल खनन करने पर प्रतिबंध लगाया है। कलेक्टर ने पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। सभी जल स्रोतों से घरेलू उपयोग को छोडक़र, सिंचाई या औद्योगिक कार्यों के लिए जल का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। इसमें बांध, नदी, नहर, जलधारा, झरना, झील, जलाशय, नाला, बंधान, नलकूप और कुएं शामिल हैं।
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निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध
जिले में अशासकीय और निजी नलकूप खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। बोरिंग मशीनों को अनुविभागीय दंडाधिकारी की अनुमति के बिना जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। नियमों का उल्लंघन करने पर दो वर्ष का कारावास या 2000 रुपए जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है। राजस्व और पुलिस अधिकारियों को अवैध बोरिंग मशीनों को जब्त करने और एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार दिया गया है।