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मप्र कैडर के अफसरों को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अब केंद्रीय मंत्रालय संभालने वाले अफसरों की संख्या 10 हो गई है। इनमें संस्कृति, खेल, गृह, खनन और ऊर्जा जैसे अहम मंत्रालय शामिल हैं।
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दरअसल, केंद्रीय कार्मिक विभाग ने 18 अप्रैल को 20 सीनियर IAS अधिकारियों की नियुक्ति और विभागों में फेरबदल किया है। इनमें मप्र कैडर के 5 सीनियर अफसरों को भी नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें से 4 अफसरों को सचिव के पद पर प्रमोट किया गया है।
जानकार कहते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एमपी कैडर के 10 अफसर केंद्र में सचिव बने हैं। वे इसके दो फायदे गिनाते हैं-
1.केंद्र की योजनाओं का राज्य में बेहतर क्रियान्वयन।
2.ये अफसर केंद्र से वापस राज्य में लौटेंगे तो उनके अनुभव का फायदा प्रदेश को मिलेगा।
बता दें कि एमपी कैडर के कुल 375 आईएएस अफसरों में से 45 प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में पदस्थ हैं। इनमें से कई अहम विभागों की जिम्मेदारी पहले से संभाल रहे हैं। साथ ही कई अफसर मंत्रियों के निज सचिव के तौर पर भी पदस्थ हैं। पढ़िए एमपी के किस अफसर के पास क्या जिम्मेदारी है?
एमपी के 5 अफसर, जिन्हें मिली अहम जिम्मेदारी

मंत्रालयों के बीच समन्वय का जिम्मा मोदी सरकार ने मनोज गोविल को कैबिनेट सचिवालय में सचिव पदस्थ किया है। इससे पहले कर्नाटक कैडर की 1991 बैच की वंदना गुर्नानी यह जिम्मेदारी संभाल रही थी। उन्हें श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
गोविल की जिम्मेदारी विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना, नीतियों और निर्णयों को क्रियान्वित करना और सरकार के कामकाज में सहयोग सुनिश्चित करना है। गोविल अब तक वित्त मंत्रालय में व्यय विभाग के सचिव के पद पर रहे।

राज्यों के बीच विवादों की जांच करेंगे और सुलझाएंगे आशीष श्रीवास्तव को गृह मंत्रालय के अधीन इंटर स्टेट काउंसिल का सचिव बनाया गया है। वे अब तक इस काउंसिल के सलाहकार थे। अभी तक यह जिम्मेदारी मणिपुर कैडर के 1990 बैच के अफसर के. मोसेस चलाई संभाल रहे थे। चलाई को सार्वजनिक उपक्रम विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव पदस्थ किया गया है।
इंटर स्टेट काउंसिल के सचिव की मुख्य जिम्मेदारी राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना है। वे राज्यों के बीच विवादों की जांच करते है और सामान्य हित के मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं। इसके साथ ही नीतिगत सुधारों पर सिफारिशें करते हैं। वे राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।

अब संभालेंगे संस्कृति मंत्रालय 1994 बैच के आईएएस अफसर विवेक अग्रवाल वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में अपर सचिव का पद संभाल रहे थे। इसके साथ ही सरकार ने उन्हें जनवरी 2023 से वित्त खुफिया यूनिट (एफआईयू-इंडिया) के निदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी थी। संस्कृति मंत्रालय की कमान देने से पहले एफआईयू-इंडिया में बतौर निदेशक उनका कार्यकाल 6 माह बढ़ाया गया था।
यह पद इसलिए भी अहम था, क्योंकि वित्तीय खुफिया इकाई केंद्र सरकार के राजस्व विभाग के अधीन एक संगठन है जो धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत अपराधों के बारे में वित्तीय खुफिया जानकारी एकत्र करता है। फरवरी 2019 में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में पदस्थ होने से पहले विवेक अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव और प्रमुख सचिव रहे।

टेक्नोलॉजी और गवर्नेंस के बाद अब खेल मंत्रालय अब तक पीएमओ में टेक्नोलॉजी और गवर्नेंस वर्टिकल देख रहे थे।अब उन्हें खेल मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। राव मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव रह चुके हैं। पीएमओ का हिस्सा बनने से पहले वे टेलीकॉम मिनिस्ट्री में संयुक्त सचिव डिपार्टमेंट ऑफ टेली कम्युनिकेशंस में थे।
राज्य मंत्रालय में ई-फाइलिंग सिस्टम को लागू करने में राव की अहम भूमिका रही है। इससे पहले वे राज्य पर्यटन विभाग के आयुक्त और राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। राव ने राज्य के शहरी विकास और ग्रामीण विकास विभागों में भी काम किया है। वे उच्च शिक्षा विभाग में प्रमुख सचिव रहते जनवरी 2020 में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में पदस्थ हुए।

कॉर्पोरेट, खनन और विद्युत मंत्रालय भी एमपी के अफसरों के पास 1990 बैच की आईएएस अलका उपाध्याय 2016 से प्रतिनियुक्ति पर है। वे विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। इस समय वे पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव के तौर पर पदस्थ है।साथ ही मप्र राज्य निर्वाचन आयुक्त रहे वी एल कांता राव के पास खनन मंत्रालय के साथ रक्षा उत्पादन क्षेत्र के अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी है।
1992 बैच के आईएएस पंकज अग्रवाल के पास विद्युत मंत्रालय जैसा अहम विभाग है। 1993 बैच की आईएएस दीप्ति गौड़ मुखर्जी कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की सचिव हैं। नीलम शमी राव अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सचिव के तौर पर पदस्थ हैं।





केंद्र में भी शिवराज के साथ ये दो अफसर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब 1996 बैच के आईएएस फैज अहमद किदवई मध्य प्रदेश में सामाजिक न्याय सहित अन्य विभागों में पदस्थ रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव से पहले वे प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए और अब वहां कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं। वहीं शिवराज के पास ग्रामीण विकास मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है यहां अतिरिक्त सचिव के तौर पर एमपी कैडर की आईएएस कैरेलीन खोंगवार देशमुख पदस्थ हैं।

एमपी के अफसर केंद्रीय मंत्रियों के विशेष सहायक वर्तमान में एमपी के कई अफसर केंद्रीय मंत्रियों के विशेष सहायक के तौर पर पदस्थ हैं। 26 मार्च को सीहोर कलेक्टर रहे प्रवीण सिंह अधयक को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का विशेष सहायक बनाया गया है। वर्ष 2012 के आईएएस अधिकारी प्रवीण की पोस्टिंग केंद्र में उप सचिव स्तर के अधिकारी के रूप में की गई है।
इससे पहले इसी साल 4 मार्च को एमपी कैडर के 2012 बैच के आईएएस अफसर और एमपी भवन कार्पोरेशन के एमडी पंकज जैन को केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी के स्टाफ में विशेष सहायक बनाया गया था। प्रवीण सिंह पंकज जैन के पहले एमपी कैडर के चार अधिकारी केंद्रीय मंत्रियों के निज सचिव के रूप में काम कर रहे हैं।
ये आईएएस अफसर हैं विशेष सहायक
- डॉ पंकज जैन, केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी के स्टाफ में विशेष सहायक
- तेजस्वी नायक, निज सचिव, केंद्रीय मंत्री भारी उद्योग विभाग
- बी विजय दत्ता, निज सचिव, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री
- बक्की कार्तिकेयन, केंद्रीय खान मंत्री जी किशन रेड्डी के निज सचिव
- हर्ष दीक्षित, केंद्रीय लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व रसायन और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा के निज सचिव
- प्रवीण सिंह अधयक केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निज सचिव
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