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इंदौर में महिला के साथ डिजिटल अरेस्ट के मामले में क्राइम ब्रांच ने 17वें आरोपी को गिरफ़्तार किया है। महिला को चार दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर रखा गया था। ठगों ने खुद को अलग-अलग अधिकारी बताकर उससे बातचीत की और 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी को अंजाम
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डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया कि 9 नवंबर 2024 से 12 नवंबर 2024 तक इंदौर की रहने वाली वंदना गुप्ता (59) को डिजिटल अरेस्ट किया गया था। महिला को डरा कर, नकली अधिकारी बनकर, उससे 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी की गई थी। अब तक 17 आरोपी गिरफ़्तार हो चुके हैं। गुजरात, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित अन्य स्थानों से आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
अभिषेक चक्रवर्ती से पूछताछ में पता चला था कि स्वपन मोदक नामक व्यक्ति के कहने पर वह अकाउंट लेता-देता है। उसका नाम सामने आने पर तलाश शुरू की गई। उसे पकड़ने के लिए टीम कूचबिहार पहुंची, जहां से स्वपन को गिरफ्तार किया गया। अब आरोपी का पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी। प्रारंभिक पूछताछ में उसने माना है कि उसने अकाउंट का लेन-देन किया है।

क्राइम ब्रांच की टीम ने 17वें आरोपी स्वपन मोदक को गिरफ्तार किया है।
आरोपी को मिलता था 1 से 2 प्रतिशत कमीशन
राजेश त्रिपाठी ने बताया कि इसने जो अकाउंट लिया था, उसमें 60 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन वेस्ट बंगाल वाले एक खाते में हुआ था। ये जो 60 लाख रुपए थे, ये इंदौर की वारदात के थे, मगर उसके खाते में 1 करोड़ 90 लाख से ज्यादा थे, जो अन्य वारदातों का पैसा था। अभिषेक की तलाश दमन दीव की पुलिस को भी थी। वहां की पुलिस से भी संपर्क किया जाएगा। स्वपन का पुलिस रिमांड लेकर इससे पूछताछ की जाएगी। रिकवरी के लिए खातों को फ़्रीज़ करा दिया गया है। कोशिश की जा रही है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए।
पूछताछ में पता चला है कि पूर्व में स्वपन मोदक प्राइवेट नौकरी करता था और 12वीं तक पढ़ा-लिखा है। वह लोगों से लोन दिलाने के नाम पर संपर्क करता था और उन्हें रुपयों का लालच देकर बैंक खाता देने के लिए तैयार करता था। बैंक खाता दूसरे राज्य भेजने के लिए खाता धारक की फ्लाइट टिकट, होटल आदि की व्यवस्था वही करता था। आरोपी को कमीशन 1 से 2 प्रतिशत मिलता था, यानी 1 करोड़ के ट्रांजैक्शन पर 1 लाख रुपए। आरोपी ने कई लोगों को गैंग में शामिल करने की बात भी कबूल की है।

डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश कुमार त्रिपाठी गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए।
ये आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
(1) प्रतीक जरीवाला (सुरत,गुजरात),
(2) अभिषेक जरीवाला (सुरत,गुजरात)
(3) चंद्रभान बंसल (मेहर, म.प्र)
(4) राकेश कुमार बंसल (मेहर, म.प्र)
(5) विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी निवासी जिला खेड़ा (गुजरात)
(6) अल्ताफ कुरैशी निवासी,( जिला आनंद गुजरात)
(7) अभिषेक चक्रवर्ती (कूच बेहर, पश्चिम बंगाल)
(8) रोहन शाक्य (सीहोर म.प्र)
(9) आयुष राठौर (सिहोर, म.प्र)
(10) नीलेश गोरेले (भोपाल, म.प्र)
(11) अभिषेक त्रिपाठी (भोपाल म.प्र)
(12) मनोज कुमार (श्रावस्ती उ.प्र.),
(13) आगम साहनी (लखनऊ ,उ.प्र.)
(14) गौरव तिवारी (सिवनी, म.प्र)
(15) योगेश पटले (सिवनी, म.प्र)
(16) सुजल सूर्यवंशी (सिवनी, म.प्र)
(17) स्वपन मोदक (नार्थ 24 परगना ,पश्चिम बंगाल)
इस मामले में क्राइम ब्रांच आरोपियों से 17 मोबाइल फोन, 12 पासबुक, 8 एटीएम कार्ड, 12 सिम कार्ड, 7 अकाउंट ओपनिंग फॉर्म।
महिला से की थी 1 करोड़ 60 लाख की ठगी
इंदौर की रहने वाली 59 साल की वंदना गुप्ता ने डिजिटल अरेस्ट के द्वारा 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी की शिकायत की थी। शिकायत में महिला ने बताया था कि ठग गैंग ने स्काइप और वॉट्सऐप वीडियो कॉल कर अलग-अलग सरकारी विभाग जैसे सीबीआई, आरबीआई, पुलिस आदि का खुद को अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल जाने का डर दिखाया।
इसके बाद फरियादी महिला की निजी और बैकिंग जानकारी ली। बैंक खाते, एफडी और शेयर्स आदि के रुपयों की जांच करने के नाम पर उसके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। शिकायत के बाद से ही क्राइम ब्रांच आरोपियों की तलाश में जुट गई थी। इस मामले में क्राइम ब्रांच अभी तक 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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