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उद्योगपुरी में आरओबी और नानाखेड़ा पर शॉपिंग मॉल के निर्माण का प्रस्ताव रखेंगे
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उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) बोर्ड की बैठक 3 माह 19 दिन बाद भी नहीं हो पाई है। इसके पहले 30 दिसंबर-2024 को यूडीए बोर्ड की बैठक हुई थी। नए वित्तीय वर्ष के 19 दिन बीतने के बाद भी यूडीए बजट तक पेश नहीं कर पाया है। वर्ष 2025-26 के लिए करीब 400 करोड़ का बजट पेश किया जाना है। इसकी बोर्ड से स्वीकृति के बाद प्रस्तावित कार्यों पर राशि खर्च हो सकेगी। देवास रोड पर उद्योगपुरी क्षेत्र में रेलवे लाइन के ऊपर से रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, जिसकी कनेक्टिविटी यूडीए की आवासीय सह-व्यवसायिक योजना टीडीएस से हो सकेगी और प्रॉपर्टी की वैल्यू भी बढ़ सकेगी।
इसकी यूडीए बोर्ड से स्वीकृति होने के बाद ही कार्ययोजना को फाइनल किया जाकर टेंडर आदि की प्रक्रिया शुरू की जाना है। नानाखेड़ा बस स्टैंड क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन का उपयोग आवासीय सह-व्यवसायिक शॉपिंग मॉल के रूप में किया जाना है। इसमें दुकानें आदि का निर्माण करने के साथ ही फ्लैट बनाए जाना प्रस्तावित है। यह प्रस्ताव बोर्ड में रखा जाना है।
इसकी स्वीकृति होने के बाद टेंडर की प्रक्रिया को पूरी किया जाकर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा। यूडीए के प्रशासनिक तौर पर अब दावा किया जा रहा है कि इसी सप्ताह यानी 21 से 26 अप्रैल के बीच में बोर्ड बैठक होगी। इसमें बजट पेश किया जाएगा। बोर्ड बैठक समय सीमा में ही हो रही है। सीईओ यूडीए संदीप सोनी के अनुसार इसी सप्ताह में यूडीए बोर्ड की बैठक होगी, जो कि समय सीमा में ही हो रही है। किसी तरह का कोई विलंब नहीं हुआ है। यूडीए बोर्ड की बैठक में बजट पेश किया जाएगा।
यह हो रहा असर
1. मकान-प्लॉट के आवंटन लंबित। 2. बोर्ड से स्वीकृ़ति-पुष्टि होने के बाद ही आवंटन किया जा सकता। 3. लोगों के मकान या प्लॉट के पेटे रिफंड भी होना है, जिन्हें बोर्ड में रखकर राशि वापस की जाना है। 4. जिस मद में राशि स्वीकृत होना है, बजट स्वीकृत होने के बाद ही उस मद में उपयोग हो सकेगा। 5. पेंडिंग आवंटन निरस्त या स्वीकृत किया जाना है पर निर्णय होना है। 6. एक करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी की स्वीकृति संचालक मंडल से होना है। 7. निर्माण कार्य के रिवाइज एस्टीमेट और कार्यों के टेंडर की स्वीकृति आदि जारी होना। 8. सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थायी निर्माण के लिए लैंड पुलिंग स्कीम में ग्राम तथा नगर निवेश की धारा 50-3 को रखा जाना है।
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