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MNC की नौकरी छोड़ जैविक खाद बनाने लगा शख्स, कई राज्यों में हो रही सप्लाई, लाखों में है सालाना टर्नओवर

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Saharsa Youth Abhinav Success Story: सहरसा के रहने वाले अभिनव 14 वर्षो तक कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने के बाद कृषि के फील्ड में उतर गए. अभिनव ने 10 लाख का पैकेज छोड़ जैविक खाद बनाने के लिए प्लांट लगाया है. इस …और पढ़ें

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मल्टीब्रांड

मल्टीब्रांड कंपनी में लाखों का पैकेज छोड़ सहरसा के युवक ने चुना एग्रीकल्चर सेक्ट

हाइलाइट्स

  • अभिनव ने 10 लाख का पैकेज छोड़ जैविक खाद प्लांट लगाया.
  • हर माह 30 टन जैविक खाद का उत्पादन कर रहे हैं.
  • सालाना टर्नओवर 15 लाख से अधिक है.

सहरसा. एग्रीकल्चर सेक्टर में अब युवा भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. नई सोच के साथ युवा इस सेक्टर में कई काम कर रहे हैं और किसानों तक सही जानकारी भी पहुंचा रहे हैं. इसी कड़ी में, मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों का पैकेज छोड़कर अभिनव एग्रीकल्चर सेक्टर में न केवल बेहतर काम कर रहे हैं, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. सहरसा जिले के कहरा प्रखंड स्थित बरियाही इलाके में अभिनव ने जैविक खाद का एक प्लांट लगाकर कई लोगों को रोजगार दिया है.

इससे पहले, अभिनव ने कई मल्टीनेशनल कंपनियों में लाखों का पैकेज ठुकराया था. उनका अंतिम पैकेज 10 लाख का था, जिसे ठुकराकर उन्होंने अपने इलाके में जैविक खाद तैयार करने वाला प्लांट स्थापित किया. इस प्लांट से तैयार जैविक खाद कई राज्यों में सप्लाई होती है.

14 साल तक कॉर्पोरट सेक्टर में किया काम

अभिनव ने लोकल 18 को बताया कि 14 साल तक कॉर्पोरेट इंडस्ट्री में काम किया और कई मल्टीनेशनल कंपनियों में अच्छे पद पर रहे.  लाखों का पैकेज मिल रहा था, लेकिन अंतिम चरण में 10 लाख का पैकेज ठुकरा दिया. एग्रीकल्चर सेक्टर में आने का उद्देश्य खेतों में इस्तेमाल होने वाले केमिकल को खत्म करना है. कई आर्टिकल्स में यह भी दिखाया गया है कि भारत एग्रीकल्चर में काफी आगे आ रहा है और सबसे बड़ी दिक्कत केमिकल से जुड़ी हुई थी. इसे दूर करने के उद्देश्य से इस फील्ड को चुना.

मशीन के जरिए बनाते हैं जैविक खाद

अभिनव का कहना है कि एग्रीकल्चर सेक्टर में काफी कुछ सीखने को मिलता है और इस फील्ड से भी लोग आगे बढ़ सकते हैं. आजकल किसान अपने खेतों में केमिकल का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका असर फसल पर पड़ता है. इसी समस्या को दूर करने के उद्देश्य से इस प्लांट को लगाया गया है, ताकि किसान पुराने रीति-रिवाज अपना सकें. अभिनव के प्लांट में कई मशीनें लगाई गई हैं, जिनका काम अलग-अलग है. अभिनव के प्लांट को बेहतर और अच्छी जैविक खाद तैयार करने के लिए जाना जाता है. यही कारण है कि कई राज्यों से डिमांड आती है और बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलते हैं.

15 लाख है सालाना टर्नओवर

अभिनव ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट का प्लांट स्थापित किए  2 साल हो चुके हैं. इस प्लांट में कमर्शियल तरीके से जैविक खाद तैयार किया जाता है. इस प्लांट से तैयार जैविक खाद बिहार, बंगाल, झारखंड और अन्य राज्यों में सप्लाई की जाती है. वर्तमान में 6 लोगों को रोजगार मिला हुआ है और इस प्लांट में 150 बेड में जैविक खाद तैयार किया जा रहा है. हर माह 30 टन जैविक खाद का उत्पादन कर रहे हैं. वहीं सालाना टर्नओवर 15 लाख से अधिक है.

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मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़ जैविक खाद बनाने लगा शख्स, लाखों में है टर्नओवर

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