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सिख समाज के नौवें गुरु तेग बहादुर का अवतार पर्व 18 अप्रैल को गुरुद्वारा सुख-सागर में मनाया जाएगा। सुबह 9 से 9:30 बजे तक अखंड पाठ होगा। 11:30 बजे तक सुखमणि साहब का पाठ होगा। पाठ के बाद लंगर का वितरण किया जाएगा।
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गुरुद्वारा सुख-सागर के अध्यक्ष चरणजीत सिंह कालरा ने बताया कि गुरु तेग बहादुर को तिलक, जनेऊ के राखे और हिंद की चादर के नाम से जाना जाता है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु तेग बहादुर की बाणी 15 रागों में दर्ज है। उनकी रचनाओं में 59 शब्द और 57 श्लोक शामिल हैं। गुरु जी के श्लोक श्री गुरु ग्रंथ साहिब में पृष्ठ 1426 से 1429 तक अंकित हैं।
सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एसएस नारंग ने गुरु तेग बहादुर की बाणी का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि बाणी का मुख्य उद्देश्य मानव को सांसारिक मोह माया से मुक्ति दिलाकर परमात्मा की स्तुति में लगाना है। उनकी शिक्षाओं के अनुसार परमात्मा ही एकमात्र सत्य है। संसार और शरीर नश्वर हैं। संपत्ति और संबंध माया हैं, जो आध्यात्मिक मार्ग की सबसे बड़ी बाधा है।
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