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Social worker’s protest against school principal ends in Tikamgarh | टीकमगढ़ में स्कूल प्राचार्य के खिलाफ समाजसेवी का धरना खत्म: अधिकारियों ने जूस पिलाकर तोड़वाया अनशन, डीईओ ने साहू को हटाकर चौबे को सौंपा प्रभार – Tikamgarh News

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समाजसेवी रमाशंकर पस्तोर को गन्ने का जूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाया गया

दिगौड़ा के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य के खिलाफ चल रहा विवाद अब समाप्त हो गया है। मंगलवार देर रात तहसीलदार पलक जैन और थाना प्रभारी नीरज लोधी ने धरना स्थल पर पहुंचकर समाजसेवी रमाशंकर पस्तोर को गन्ने का जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त करवाया।

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समाजसेवी रमाशंकर पस्तोर मंगलवार दोपहर से बस स्टैंड के पास धरने पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि स्कूल के प्राचार्य कृष्ण प्रकाश साहू को हटाया जाए। रात करीब 10:30 बजे अधिकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी का आदेश दिखाया। इस आदेश में साहू को प्रभारी प्राचार्य के पद से हटाने के निर्देश थे।

समाजसेवी रमाशंकर पस्तोर बस स्टैंड के पास धरने पर बैठे थे

समाजसेवी रमाशंकर पस्तोर बस स्टैंड के पास धरने पर बैठे थे

जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के अनुसार, साहू को 8 अप्रैल को वरिष्ठता के आधार पर प्रभारी प्राचार्य बनाया गया था। उनके खिलाफ सागर संभाग कमिश्नर को शिकायत मिली थी। इस शिकायत की जांच टीकमगढ़ के प्रभारी डिप्टी कलेक्टर ने की। जांच रिपोर्ट 14 अप्रैल को सौंपी गई।

जांच रिपोर्ट के आधार पर साहू को प्रभारी प्राचार्य के पद से हटा दिया गया है। अब स्कूल का प्रभार बछौडा के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य जयप्रकाश चौबे को सौंपा गया है। चौबे अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ दिगौड़ा स्कूल का भी संचालन करेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया आदेश

जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया आदेश

विधानसभा में गलत जानकारी देने का आरोप

पस्तोर की मुख्य मांग थी कि प्राचार्य साहू की ओर से की गई अनियमितताओं की जांच कराई जाए। उन्होंने आरोप लगाया था कि साहू ने प्रभारी प्राचार्य बने रहने के लिए विधानसभा में गलत जानकारी दी। विधानसभा को भेजी गई जानकारी में उन्होंने अन्य शिक्षकों की वरिष्ठता को छुपाते हुए खुद को प्राचार्य पद के लिए वरिष्ठ बताया है। स्कूल के एक चपरासी पर चोरी का आरोप लगा था। उसे 5 दिन के लिए जेल भेजा गया था। इसके बाद भी प्राचार्य ने उसे सस्पेंड नहीं किया है। इन मामलों की गंभीरता से जांच कराई जाए। जांच की निष्पक्षता के लिए उन्हें तत्काल पद से हटाने की भी मांग की गई थी।

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