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शिवहर. बिहार के शिवहर जिले में युवा पहले हथियार रखने का शौक रखते थे. यह जिला पूरी तरह से नक्सलियों से घिरा हुआ था, लेकिन समय के साथ लोग बदल गए हैं. बदलती तस्वीर का ताजा उदाहरण शिवहर के युवराज कुमार हैं, जो पुरनहिया प्रखंड के चिरैया बराही गांव का रहने वाले हैं. युवराज कुमार कुल्हड़ का निर्माण कर न केवल सफलता हासिल की है बल्कि समृद्धि के दरवाजे खोल दिए हैं.
गुप्ता इंडस्ट्रीज नामक उद्योग की स्थापना कर ढाई साल से युवराज कुल्हड़ का निर्माण कर उसे बड़े आसानी से बाजार में बेच रहे हैं. युवराज ने अपने प्रॉडक्ट का नाम मोदी कुल्हड़ रखा है, जिससे इनके कुल्हड़ की मांग बाजार में अधिक है. कुल्हड़ का नाम पीएम नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर रखा है.
पीएम से प्रभावित होकर नाम रखा है कुल्हड़ मोदी
युवराज ने बताया कि कुल्हड़ बनाने वाली मशीन को गुजरात से मंगवाएं हैं. पीएम मोदी भी गुजरात हैं और देश के पीएम बनने तक का सफर तय कर चुके हैं. पीएम मोदी से ही प्रभावित होकर इस प्रोडक्ट का नाम मोदी कुल्हड़ रखा है. इस प्रोडक्ट के जरिए युवराज अब सिर्फ शिवहर ही नहीं बल्कि आस-पास के कई जिलों के साथ-साथ नेपाल में भी अपनी पहचान बना चुके हैं. 22 वर्षीय युवराज मिट्टी का कुल्हड़ बनाकर न केवल खुद आत्मनिर्भर बने हैं बल्कि 2-3 लोगों को रोजगार भी दिया है.
गुजरात से मंगवाया है तीन मशीन
गुजरात से मशीन मंगाकर ढाई साल से मिट्टी का कुल्हड़ बना रहे हैं, जिसे उन्होंने मोदी कुल्हड़ नाम दिया है. इसे शिवहर के अलावा सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर और नेपाल तक बेच रहे हैं. ढाई साल पहले मोबाइल पर युवराज ने मिट्टी का कुल्हड़ सहित अन्य सामान बनाने की मशीन देखी. लगभग 2 लाख रुपये खर्च कर गुजरात से तीन मशीनें खरीदीं. इनमें कुल्हड़ बनाने की दो और मिट्टी गीला करने की एक मशीन शामिल है. कुल्हड़ बनाने की मशीन चलाने के लिए कोई ऊर्जा की जरूरत नहीं होती है, लेकिन मिट्टी को गीला करने वाली मशीन बिजली से चलती है.
रोजाना तैयार कर लेते हैं 3 हजार कुल्हड़
एक मशीन से दिनभर में ढाई से तीन हजार कुल्हड़ का निर्माण होता है. इसके बाद उसे भट्टी में पकाया जाता है. भट्टी में पकने के बाद उसे बाहर निकालकर सूखाने के बाद बाजार में प्रति कुल्हड़ डेढ़ रुपये के हिसाब से बेचते हैं. सारा खर्च काटकर हर महीने में 25 से 30 हजार की कमाई कर लेते हैं। युवराज ने अपने उद्योग का नाम गुप्ता इंडस्ट्रीज रखा है और प्रोडक्ट का नाम मोदी कुल्हड़ रखा है. उन्होंने बताया कि कुल्हड़ बनाने के लिए मिट्टी सीतामढ़ी के सोनबरसा, नन्हकार और सिमरदह से मंगवाते हैं.
सरकार से मदद की है आस
युवराज बताते हैं कि अब वह मिट्टी के अन्य सामग्री का निर्माण कर बाजार में बेचने की तैयारी कर रहे हैं. नए प्लॉट पर उद्योग स्थापना की पहल भी शुरू कर दी है. हालांकि, इसकी राह में अब भी धन राशि की बाधा है. उनका कहना है कि सरकार हमारे जैसे लोगों को सहयोग करे तो 100 लोगों को रोजगार दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि एक कप के निर्माण में 90 पैसे की लागत आती है और 1.50 रुपये में बिक्री की जाती है.
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