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क्राइम पेट्रोल में इंस्पेक्टर की भूमिका निभाने वाले अभिनेता गुलशन पांडे ने संघर्षों से भरे जीवन में रंगमंच से शुरुआत कर टीवी और फिल्मों तक का सफर तय किया. उन्होंने अभिनय को जुनून बनाकर सिनेमा में पहचान बनाई.
बालीवुड अभिनेता गुलशन पाण्डेय के साथ इंटरव्यू करते रिपोर्टर विशाल तिवारी
सुल्तानपुर- पंजाब के पटियाला में जन्मे गुलशन पांडे का जीवन संघर्षों से भरा रहा. बेहद निम्न आय वर्ग से ताल्लुक रखने वाले गुलशन के पिता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे, लेकिन मुश्किल हालातों ने कभी उनके सपनों को छोटा नहीं होने दिया.
सुबह 5 बजे उठकर करते थे अभ्यास
गुलशन ने अभिनय को हमेशा अपने जीवन का हिस्सा माना. वे सुबह 5 बजे उठकर नियमित रूप से अभ्यास करते थे और स्थानीय नाटकों व रंगमंच में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते रहे. साल 2003 में धर्मेंद्र के रेडियो इंटरव्यू ने उनकी सोच को एक दिशा दी, और उन्होंने ठान लिया कि अब अभिनय ही उनका रास्ता होगा.
टीवी से फिल्मों तक की चमकदार यात्रा
गुलशन पांडे ने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन के शो ‘धारे’ (DD Kashir) से की थी. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने न केवल ‘क्राइम पेट्रोल’ के 150 से अधिक एपिसोड्स में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि ‘अतिथि तुम कब जाओगे’, ‘पीके’, ‘मेरे डैडी की मारुति’ जैसी हिट फिल्मों और ‘ये हैं चाहतें’, ‘तेरे मेरे दरमियां’ जैसे सीरियल्स में भी काम किया.
बी.ए. फेल लेकिन अभिनय में अव्वल
लोकल18 से बातचीत में गुलशन ने बताया कि वे बी.ए. फेल हैं. पढ़ाई में उनका ज्यादा मन नहीं लगता था, लेकिन अभिनय के लिए उनमें जुनून हमेशा से था. रंगमंच ही उनका असली स्कूल था जहां उन्होंने अभिनय के हर पहलू को सीखा.
अभिनय एक साधना है
गुलशन पांडे का मानना है कि असली अभिनेता वह होता है जो कागज पर लिखी मुर्दा लाइनों में जान डाल सके. उन्होंने नए कलाकारों को सलाह देते हुए कहा, नियमित अभ्यास करें, धैर्य रखें और किरदार में पूरी आत्मा डालें.
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