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180 रुपये से बना डाली पचास लाख की नर्सरी, बता दिया सक्सेस का फॉर्मूला

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how to start nursery business in india: कई बार लोग परेशान हो जाते हैं क्योंकि उन्हें रोजगार का कोई जरिया नहीं मिलता. उन्हीं में से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो थोड़ा अलग तरीके से सोच रखते हैं…

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वृद्धिचंद्र

वृद्धिचंद्र मौर्य, प्रगतिशील किसान

महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में ज्यादातर लोग कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. एक बड़ी संख्या में लोग यहां खेती-बाड़ी का काम करते हैं. इससे उन्हें अच्छा मुनाफा भी होता है. जिले में कुछ किसान ऐसे भी हैं जो पारंपरिक खेती जैसे धान, गेहूं और गन्ने से आगे बढ़कर प्रगतिशील खेती कर सफलता की कहानी भी लिख रहे हैं. ऐसे ही इन प्रगतिशील किसानों में से एक है महराजगंज जिले के निचलौल क्षेत्र के वृद्धिचंद्र मौर्य जिन्होंने पौधों की खेती कर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है.

जिले के ज्यादातर किसान ऐसा मानते हैं कि यहां कुछ ही प्रकार की खेती की जा सकती है लेकिन इस सोच से आगे बढ़कर इन्होंने कृषि क्षेत्र को एक अलग दिशा दिखाई है और उसमें प्रगतिशील किसान के रूप में कार्य भी कर रहे हैं. एक छोटे से नर्सरी से शुरुआत करने के बाद इन्होंने अलग-अलग वैरायटी के पौधे भी तैयार करने शुरू कर दिए.

180 रुपए से बनाई पचास लाख की नर्सरी

वृद्धिचंद्र मौर्य ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि शुरुआती समय में उन्होंने सिर्फ 180 रुपए के बजट के साथ इस नर्सरी की शुरुआत की थी. इस नर्सरी के साथ उन्होंने लगातार मेहनत किया और अलग-अलग प्रकार के पौधे भी उगाने की कोशिश करने लगे. वर्तमान समय में उनके पास 500 से भी ज्यादा वैरायटी के पौधे उपलब्ध हैं. इसके साथ ही महराजगंज जिले में देखा जाए तो इस तरह का यह पहला नर्सरी है जहां लगभग आम इंसान के जीवन के लिए जरूरी लगभग सभी पौधे यहां मिल जाते हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में उनके पास यह नर्सरी तो है ही इसके अलावा और भी ब्रांचेस हैं जहां वह भंडारण का काम करते हैं और दोनों के सामंजस्य के साथ अपने बिजनेस को बढ़ावा दे रहे हैं.

अपने साथ–साथ अन्य लोगों को भी दे रहे हैं रोजगार

अपनी मेहनत और लगन से इन्होंने यह साबित कर दिया है कि कोई भी चीज असंभव नहीं होती है. यदि सही दिशा में लगातार प्रयास किया जाए तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है. शुरुआती समय में उन्हें भी बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था लेकिन आज के समय में उनके पास जिले की एक सबसे बड़ी नर्सरी है. इनके नर्सरी में सीजन के समय में कई लोग मजदूरी के तौर पर काम करते हैं तो वहीं कई व्यक्ति ऐसे हैं जो परमानेंट उनके यहां काम करते हैं. अपनी सफलता के साथ-साथ दुसरे लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं.

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