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Success Story : जय हिंद तिवारी और उनकी पत्नी जिज्ञासा ने आरा के पियनिया गांव में छोटे उद्योग से 50-60 हजार रुपये मासिक कमाई शुरू की. आटा चक्की से शुरुआत कर सत्तू, बेसन और मसाला उत्पादन में विस्तार किया.
आटा,और मसाला बेच पति-पत्नी संवार रहें है खुद की जिंदगी,आसपास के क्षेत्र में बने
हाइलाइट्स
- जय हिंद तिवारी ने आटा चक्की से उद्योग शुरू किया
- पत्नी जिज्ञासा के प्रयास से सत्तू, बेसन, मसाला उत्पादन में विस्तार किया
- मासिक कमाई 50-60 हजार रुपये, सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन
बिहार में इन दिनों छोटे उद्योगों का बोलबाला है. छोटा उद्योग कर व्यक्ति महीने में 50 से 60 हजार की कमाई अपने घर में ही कर ले रहा है. एक ऐसा ही उदाहरण आरा के समीप पियनिया गांव के रहने वाले जय हिंद तिवारी के रूप में सामने आया है. जय हिंद तिवारी अपनी पत्नी जिज्ञासा के साथ अपने छोटे उद्योग को बड़ा करने का प्रयास में जुटे हुए हैं. पहले वह अपने घर में सिर्फ आटा चक्की मिल चलाते थे लेकिन धीरे-धीरे उसमें बदलाव किया और आटा चक्की के अलावे सत्तू और बेसन का मशीन भी बैठा लिए. इसके बाद वह कच्चा मसाला लाकर उसे पीसते हैं और खुद का पैकेजिंग कर उसको बाजार में बेचने लगे जिसके वजह से उनकी आमदनी अच्छी होने लगी है.
जय हिंद तिवारी को उद्योग विभाग से लोन काफी कम मिला लेकिन वह जैसे तैसे पैसा जुगाड़ करके लगभग 10 से 15 लाख का मशीन बैठाए है. इसमें भी खास यह है कि वह अपने पूरे घर और उद्योग को सोलर सिस्टम से जोड़ चुके हैं. खुद का बिजली उत्पादन करते हैं और उद्योग में इस्तेमाल करते हैं. साथ ही घर में भी सोलर का ही बिजली इस्तेमाल होता है.
भोजपुर के उदवंतनगर प्रखंड के पिवनियां गांव की रहने वाले जयहिंद तिवारी आटा, सत्तू, बेसन और मसाला का उद्योग कर रहे हैं. इससे उनको को हर महीने 50 से 60 हजार रुपये की कमाई हो जाती है. जयहिंद तिवारी के साथ उनकी पत्नी जिज्ञासा भी पूरा साथ देती है. जिज्ञासा पहले गृहणी थीं और अपने सिर्फ घर का काम करती थीं लेकिन अब पति के साथ उद्योग भी सम्भालती है.
वर्ष 2022 में जिज्ञासा ने उद्योग विभाग से चार लाख रुपये का लोन लिया और आटा के साथ सत्तू, बेसन और मसाला उत्पादन का कारोबार शुरू कर हर महीने ढाई से तीन लाख रुपये की बिक्री करती हैं. इस काम में जिज्ञासा के पति जयहिंद तिवारी के साथ दो अन्य लोग भी काम करते हैं. जयहिंद तिवारी उत्पादों की बिक्री करते हैं, जबकि, दो लोग फैक्ट्री में काम करते हैं.
जिज्ञासा अपने घर-परिवार की देखभाल के साथ कारोबार को आगे बढ़ाने में जुटी हैं. जय हिंद तिवारी ने बताया कि उत्पाद की मांग और बढ़ती जा रही है.फिलहाल जिले के कई गांवों में इनका सत्तू-बेसन और मसाला की मांग हो रही है. कारोबार को और बड़े स्तर पर ले जाने की इक्छा है.
जय हिंद तिवारी ने लोकल 18 को बताया कि वह पहले सिर्फ आटा पीसने का काम करते थे, लेकिन उससे बहुत ज्यादा आमदनी नहीं होती थी. घर का खर्च भी चलना मुश्किल हो जाता था. किसी के द्वारा आईडिया दिया गया कि आंटा के अलावा सत्तू और बेसन भी बनाये. सत्तू और बेसन का उद्योग शुरू करने के बाद मसाला उद्योग से भी जय हिंद तिवारी खुद को जोड़ लिए.
अब बिहार के अलग-अलग हिस्सों से विभिन्न तरह के खड़ा मसाला मांगते हैं और उसकी शुद्धता के साथ पीसकर खुद का पैकेजिंग करते हैं. आसपास के लोकल बाजारों में अपने मसाले को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उनके द्वारा बताया गया है कि वह अपनी बेटी के नाम से ब्रांड भी रजिस्टर करा रहे हैं और अपने मसाला, सत्तू और बेसन को खुद का ब्रांड देकर बड़े लेवल पर उद्योग करेंगे.
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