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15 किमी लंबे और 75 मीटर चौड़े प्रस्तावित अहिल्या पथ को इंदौर विकास प्राधिकरण बोर्ड की मंजूरी शुक्रवार को नहीं मिल सकी। नगरीय विकास विभाग ने अहिल्या पथ में दूसरी तरफ जहां ग्रीन बेल्ट की जमीनें हैं, उन्हें भी शामिल करने के लिए आईडीए को योजना लौटाई थी।
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आईडीए का नियम यह है कि लैंड पुलिंग एक्ट के तहत जितनी जमीन योजना के लिए ली जाती है, बदले में 50 फीसदी विकसित प्लॉट जमीन मालिक को लौटाया जाता है। अब खेती की पूरी जमीन लेकर बदले में आधा खेती का प्लॉट दिया तो इससे जमीन मालिकों को कोई फायदा नहीं होगा। उलटा जमीन मालिक विरोध करेंगे। इसलिए तय किया गया कि अधिग्रहण के एवज में किस तरह किसानों को लाभान्वित किया जाए, जिससे उन्हें भी कोई नुकसान न हो और योजना भी लागू हो जाए।
संभागायुक्त व अध्यक्ष दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा, डीएफओ प्रदीप मिश्रा, सीईओ रामप्रकाश अहिरवार, टीएंडसीपी के सहायक संचालक सारंग गुप्ता सहित अन्य विभाग के अफसर बैठक में शामिल थे। 500 हेक्टेयर से अधिक जमीन अहिल्या पथ में दूसरी तरफ स्कीम के रूप में लगाई जाएगी।
इन्फोसिस से ली गई जमीन विकसित होगी
इन्फोसिस को दी गई कुल जमीन में से 50 एकड़ जमीन वापस ले ली गई थी। इस जमीन पर सड़क, पानी, ड्रेनेज, बिजली की व्यवस्था आईडीए द्वारा की जाएगी। मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को यह जमीन दी गई है। इसे विकसित करने के बाद कॉर्पोरेशन द्वारा इसे निजी कंपनियों को इंडस्ट्री लगाने के लिए दिया जाएगा।
कुमेड़ी आईएसबीटी में 2 हेक्टेयर में पार्किंग होगी
कुमेड़ी में आईएसबीटी बनकर तैयार हो चुका है। इसका केवल उद्घाटन किया जाना बाकी है। यहां पर आने वाले कार, दो पहिया वाहन, टैक्सी वगैरह इधर-उधर पार्किंग न करें, इसके लिए दो हेक्टेयर में पार्किंग विकसित की जाएगी। यहां यात्रियों के लिए सुविधा घर, कैंटीन, बैठने की व्यवस्था भी की जाएगी।
सिग्नल फ्री रोड रहेगी
15 किमी लंबा अहिल्या पथ पूरी तरह सिग्नल फ्री बनाया जाएगा। जहां पर जंक्शन, क्रॉसिंग वगैरह आएगा, वहां अंडरपास या फ्लायओवर बनाए जाएंगे। इस रोड के बन जाने से सिटी के अंदर उज्जैन, देवास, भोपाल तरफ से आने वाले वाहनों का लोड कम हो जाएगा।
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