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PM will come to Anandpur Dham Ashram today | मोदी जिस आनंदपुर धाम आ रहे उसमें तीन बस स्टैंड: खुद की फायर ब्रिगेड, टपरी से शुरू हुआ आश्रम अब 1500 बीघा तक फैला – Madhya Pradesh News

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11 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के अशोक नगर में स्थित आनंद धाम आश्रम आ रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री धाम में होने वाले वैशाखी के उत्सव में शामिल होंगे। पीएम जिस आश्रम में आ रहे हैं उसकी दुनिया ही अलग है। तीन प्राइवेट बस स्ट

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आश्रम के अनुयायी अब देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में हैं। क्या है आश्रम की खासियत और पीएम मोदी का ये दौरा कैसे बना…इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए दैनिक भास्कर टीम अशोक नगर जिले में इस आश्रम तक पहुंची।

सबसे पहले इस समय आश्रम का माहौल…

अशोकनगर जिला मुख्यालय से करीब 42 किलोमीटर दूर चंदेरी रोड पर ईसागढ़ के पास सड़क के दोनों तरफ किले के परकोटे जैसी दीवारें नजर आईं, जिसके ऊपरी हिस्से पर नुकीले कांच लगाए गए हैं। ये इंतजाम इसलिए किया गया है ताकि कोई भी दीवार फांद कर अंदर दाखिल न हो पाए। आगे बढ़ने पर आश्रम का मेन गेट है, जिसके सामने सिक्योरिटी गार्ड खड़े दिखे।

आश्रम के मेन गेट पर पहुंचने पर एक सिक्योरिटी गार्ड ने हमें रोक लिया और कहा कि अभी किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है। बाहर एक ब्लैक बोर्ड लगा हुआ है जिस पर लिखा है कि 5 अप्रैल से 15 अप्रैल तक मंदिर दर्शन बंद रहेगा। आश्रम प्रशासन ने मीडिया और आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई है।

आश्रम का निजी कार्यक्रम, अंदर ही बने हेलीपैड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह मध्य प्रदेश दौरा तो है, लेकिन मध्य प्रदेश के आम लोगों से इसका सीधा कनेक्शन नहीं है। ये दौरा आनंदपुर धाम आश्रम तक ही सीमित है। इस दौरान वो मंदिर दर्शन के साथ संगत में शामिल होंगे।

अशोक नगर में पीएम की न कोई सभा होगी और न ही वो लोगों से मुलाकात करेंगे। यह आश्रम का निजी कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री के आने के लिए आश्रम के अंदर ही चार हेलीपैड बनाए जा रहे हैं। आश्रम के कार्यक्रम में शामिल होकर वो सीधे आश्रम से ही वापस लौट जाएंगे।

पीएम पिछले साल आश्रम आने वाले थे, नहीं आ पाए थे

गुना के पूर्व भाजपा सांसद केपी यादव ने कहा कि दो-तीन सालों से ये प्रयास था कि प्रधानमंत्री जी इस आश्रम में पधारे। मैं खुद भी दो बार प्रधानमंत्री जी से मिला था। पिछले साल भी प्रधानमंत्री जी का यहां आने का प्रोग्राम बना था, लेकिन किसी कारणवश वो नहीं आ पाए थे।

कई बार आश्रम के महात्माओं ने मुझसे कहा कि आप प्रधानमंत्री जी को मंदिर दर्शन के लिए लाइए। एक साल पहले आश्रम के स्वामी विचार पूर्ण आनंद महाराज और मैं साथ में ही प्रधानमंत्री जी से मिलने गए। उनसे यहां आने का आग्रह किया। पिछले महीने मैं गया, तब भी उनसे अनुरोध किया था। तभी उन्होंने कहा था कि मैं जरूर आऊंगा।

विदेशों में भी हैं आश्रम के अनुयायी

आनंदपुर धाम के अनुयायी विदेशों में भी हैं, विशेष रूप से उन देशों में जहाँ भारतीय प्रवासी समुदाय मौजूद हैं, जैसे अमेरिका, कनाडा, और यूनाइटेड किंगडम। हालांकि, इनकी संख्या सीमित है।

कई अनुयायी औपचारिक रूप से पंजीकृत नहीं होते। इसलिए इनका सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इनकी सटीक संख्या आश्रम प्रबंधन के पास भी नहीं है, लेकिन वैशाखी पर लगने वाले मेले में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है।

हमें अंदर नहीं जाने देंगे, इसलिए मायूसी है

छत्तप्रताप लोधी कहते हैं कि प्रधानमंत्री आ रहे हैं। हम सब उत्सुक हैं, लेकिन हम लोगों को अंदर जाने नहीं दिया जाएगा। इसलिए मायूसी भी है। आमतौर पर पीएम के कार्यक्रम को लेकर जितना उत्साह उस क्षेत्र में होता है वैसा इसमें नहीं है, क्योंकि इलाके के लोगों की एंट्री नहीं रहेगी।

टपरी से शुरू हुए आश्रम की भव्यता अब देखते ही बनती है।

टपरी से शुरू हुए आश्रम की भव्यता अब देखते ही बनती है।

टपरी से आश्रम की शुरुआत हुई थी अब आश्रम की हजारों एकड़ जमीन

आनंदपुर धाम आश्रम से 2 किमी दूर कुलवार गांव में रहने वाले 60 वर्षीय छत्तप्रताप लोधी कहते हैं कि शुरू से ही आश्रम को देख रहा हूं। पहले छोटी सी जगह में आश्रम हुआ करता था। अब आश्रम बहुत बड़ा हो गया है। हमारे पुरखे बताते हैं कि अग्रेजों के समय ही महाराज जी लोग आ गए थे। यहीं टपरी का आश्रम बनाया था।

जैसे-जैसे लोगों की आस्था आश्रम में बढ़ती गई, यहां संपन्नता भी आने लगी। अब आश्रम के पास हजारों एकड़ जमीन है।

अद्वैत मत: एक ही सत्य है और वही ब्रह्म है

अद्वैत मत हिंदू दर्शन की एक प्रमुख शाखा है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “दो का अभाव” या “अद्वैत”। यह वेदांत दर्शन का एक रूप है, जो उपनिषदों, भगवद्गीता और ब्रह्मसूत्र जैसे ग्रंथों पर आधारित है। अद्वैत मत के अनुसार, वास्तविकता में केवल एक ही सत्य है, जिसे “ब्रह्म” कहा जाता है। यह ब्रह्म निर्गुण (गुणों से परे), निराकार और सर्वव्यापी है। इस दर्शन में आत्मा और ब्रह्म को एक ही माना जाता है, यानी आत्मा और परमात्मा में कोई भेद नहीं है।

स्वरूप आनंद महाराज ने की आनंदपुर धाम की स्थापना

परमहंस अद्वैत मत के संस्थापक परमहंस दयाल महाराज का आगरा में प्रवचन चल रहा था। इस प्रवचन को सुनने ईसागढ़ के सेठ पन्नालाल मोदी भी गए थे। यहीं उन्होंने महाराज से ईसागढ़ आने का निवेदन किया। महाराज ने बाद में आने का आश्वासन दिया। जिसके बाद 1930 के लगभग दूसरे गुरु स्वरूप आनंद महाराज ईसागढ़ आए। इन्होंने ही आनंदपुर धाम आश्रम की स्थापना की।

1954 में श्री आनंदपुर धाम ट्रस्ट की भी स्थापना हुई। यह ट्रस्ट, आश्रम की चल-अचल संपत्ति की देखरेख और सुरक्षा करता है। ट्रस्ट के माध्यम से इस क्षेत्र के लोगों के लिए स्कूल और हॉस्पिटल भी संचालित होता है।

धाम के निर्माण में संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।

धाम के निर्माण में संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।

सिंध प्रांत से हुई थी संप्रदाय की शुरुआत

क्षेत्रीय इतिहासकार हेमंत दुबे कहते हैं कि ये आजादी के पहले का संप्रदाय है। सबसे पहले इसकी स्थापना सिंध प्रांत में हुई थी। आजादी के बाद दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में फैला। इन्हीं क्षेत्रों के ज्यादा अनुयायी हैं। इस मत के 4 गुरुओं की समाधि यहीं आनंदपुर धाम आश्रम में हैं। इनके मंदिर भी आगरा की ताजमहल की तरह संगमरमर के बने हुए हैं। यही कारण है कि ये इस संप्रदाय का सबसे महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। यहां सभी जाति और धर्म के लोग जुड़ सकते हैं, लेकिन ज्यादातर जो अनुयायी यहां देखे जाते हैं वो बाहर से ही आते हैं।

उत्सव के मौके पर धाम की विशेष सजावट की जाती है।

उत्सव के मौके पर धाम की विशेष सजावट की जाती है।

1500 बीघा में आश्रम, इसके अलावा अन्य जमीनें

श्री आनंदपुर धाम के महात्मा सोनू महाराज कहते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में करीब 20 हजार लोग शामिल होंगे। हमारा आश्रम 1500 बीघा में फैला हुआ है। इसमें हमारे पांचों गुरुओं के मंदिर हैं। वो चारों तरफ से सरोवर से जुड़े हुए है। इसके अलावा खेती की और दूसरे कार्यों की अलग जमीनें हैं।

सभी धर्मों और जातियों के लिए दरबार खुला हुआ है। आश्रम में साधु, साध्वी, भगत सभी मिलकर 1300 से 1500 लोग रहते हैं। इनमें से कुछ प्रचारक हैं जो मत के प्रचार के लिए देश भर घूमते रहते हैं। वैशाखी, व्यास पूजा और दीपावली आश्रम के मुख्य उत्सव हैं। आश्रम ट्रस्ट जिले में तीन स्कूल और एक हॉस्पिटल संचालित करता है। बच्चों की पढ़ाई, ड्रेस और खाना सब फ्री होता है। अस्पताल में भी इलाज और दवाइयां फ्री है।

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