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गर्मी के मौसम में संभावित पेयजल संकट से निपटने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) ने सीहोर जिले की 214 बसाहटों को चिह्नित कर विशेष कार्ययोजना बनाई है। इन इलाकों में जलस्तर गिरने की आशंका के मद्देनज़र पहले से मौजूद संसाधनों को सुधारने और नए सं
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विभाग ने जिन बसाहटों में पानी की किल्लत की संभावना जताई है, वहां के हैंडपंपों में राइजर पाइप बढ़ाए जा रहे हैं। जिन इलाकों में जलस्तर बेहद नीचे चला गया है, वहां नए बोरिंग कर हैंडपंप लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा सिंगलफेस मोटर पंपों की स्थापना और हाइड्रोफैक्चरिंग तकनीक से नलकूपों की जलधारिता बढ़ाने का काम भी किया जा रहा है।

कई गावों में लोगों को पानी के लिए दूर पैदल जाना पड़ता है।
कई गांवों में पहले ही शुरू हो चुका है काम
कार्यपालन यंत्री प्रदीप सक्सेना के अनुसार, बीते महीने में इछावर के लावाखाड़ी, सीहोर के रायपुरा नयाखेड़ा, बिलकिसगंज, भंडेली, और आष्टा के मालीखेड़ा व झरखेड़ी जैसे इलाकों में नए नलकूप खोदे गए हैं। इसके अलावा बिलकिसगंज, रायपुरा नयाखेड़ा और कुलासकलां में सिंगलफेस मोटर पंप लगाए जा चुके हैं।
निगरानी के लिए कंट्रोल रूम और निरीक्षण टीमें तैनात
गांव-गांव जल समस्या की निगरानी के लिए जनपद पंचायत और विभाग के इंजीनियर लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। इसके साथ ही जिला व उपखंड स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जहां किसी भी गांव से जल संकट की सूचना मिलते ही त्वरित समाधान की कार्रवाई की जा रही है।
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