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कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार।
पटना: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने गुरुवार को केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला। कन्हैया ने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण बीजेपी की एक सोची-समझी चाल है। उन्होंने कहा कि राणा के प्रत्यर्पण का मकसद अपनी ‘नाकामियों’ से जनता का ध्यान हटाना है। कन्हैया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें राणा के प्रत्यर्पण को नरेंद्र मोदी सरकार की ‘कूटनीतिक जीत’ बताया गया था।
‘मूल समस्याओं से भटकाने की कोशिश’
बता दें कि 64 साल का तहव्वुर राणा डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी है। हेडली को दाऊद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है और वह 2008 के हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। कन्हैया ने कहा, ‘बीजेपी के पास दिखाने के लिए कोई ठोस उपलब्धि नहीं है। इसलिए वह ऐसे मुद्दों को उठाकर लोगों का ध्यान मूल समस्याओं से भटकाने की कोशिश करती है। वक्फ विधेयक भी इसका उदाहरण है। सरकार दावा करती है कि यह गरीब मुसलमानों के हित में है, लेकिन क्या कोई इस पर यकीन करेगा? यह वही सरकार है जो मुस्लिम समुदाय को अपनी छतों पर नमाज तक नहीं पढ़ने देती।’
बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं कन्हैया
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए कहा, ‘सभी को बीजेपी के नेताओं की बयानबाजी याद होगी। वे कहते थे कि इसके हटने से बिहार और देश के अन्य हिस्सों के लोग कश्मीर में जमीन खरीद सकेंगे। मुझे एक भी ऐसा शख्स दिखाएं, जिसने वहां अब तक संपत्ति खरीदी हो।’ 38 साल के पूर्व वामपंथी नेता कन्हैया इन दिनों बिहार में ‘पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा’ के जरिए बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों पर जनमत जुटा रहे हैं। अपने इस राज्यव्यापी दौरे में वह सरकार की नीतियों पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। (भाषा से इनपुट्स के साथ)
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