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फर्जी डॉक्टर के बाद अब जालसाजों ने वेबसाइट बनाकर निकाल दी फर्जी भर्ती, सरकार को नहीं लगी भनक; फंस गए 15 हजार लोग

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MP Sarkari Naukri
Image Source : FREEPIK
प्रतीकात्मक फोटो

मध्य प्रदेश में फर्जी डॉक्टर द्वारा हार्ट का इलाज करने की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर घोटाले की साजिश सामने आई है। जानकर हैरान होंगे शातिर जालसाजों ने न केवल https//e-aushadhimp.co.in/ नाम से वेबसाइट बनाई बल्कि फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में इसकी जानकारी डालकर 2972 पदों के लिए नियुक्ति दिखाकर ऑनलाइन आवेदन भी मंगवा लिए। फर्जी वेबसाइट की जानकारी रखते ही लोग स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नियुक्तियों समेत विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए भोपाल के एमपी नगर थाने में FIR भी दर्ज करवा दी।

नोटिफिकेशन में अपनाया सरकारी तरीका

जाल साजों ने पदों के लिए सरकारी नोटिफिकेशन के तरीके से नोटिस निकाला, जिसमें लिखा गया था कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित ई-औषधि एमपी पोर्टल को शहरी और ग्रामीण स्तरों पर आयुष मंत्रालय की योजनाओं के तहत दवाओं के भंडारण और वितरण हेतु पूरे मध्य प्रदेश में प्रखंड स्तर पर संचालन के लिए कई पदों हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया जा रहा है। सभी पदों के लिए आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही किया जाएगा कोई अन्य माध्यम स्वीकार्य नहीं होगा । सभी पदों हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ होने की तिथि 07/03/2025 और ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 06/04/025 निर्धारित की गई है। जालसाजों ने नोटिस में आवेदन करने के लिए वेबसाइट  https//e-aushadhimp.co.in/ और जीमेल एड्रेस eaushadhimp@gmail.com का जिक्र किया।

34 हजार तक सैलरी भी बताई गई

यही नहीं इस फर्जी विज्ञापन में सिलसिलेवार ढंग से पदों की संख्या 2972 बताई जिसमें 1. स्टोर मैनेजर (महिला और पुरुष) के कुल पदों की संख्या 528 2. सहायक स्टोर मैनेजर( महिला पुरुष) पदों की कुल संख्या 988 3. डाटा एंट्री ऑपरेटर पदों की कुल संख्या 1456 बताई। साथ ही इसमें अलग-अलग पदों के लिए वेतनमान 26,300 से लेकर अधिकतम 34,200 तक बताया गया और भर्ती के लिए उम्र सीमा 20 से 50 साल तक की बताई। बताया जा रहा है जब तक विभाग को खबर लगती तब तक इस फर्जी नौकरी के लिए 15000 से ज्यादा बेरोजगार ₹500 रजिस्ट्रेशन फीस के साथ आवेदन दे चुके थे।

स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ने दी ये जानकारी

स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने इंडिया टीवी से कहा कि सोशल मीडिया पर जानकारी मिली कि ई-औषधि के नाम से एक भर्ती निकाली गई है, उसका हमने तुरंत फैक्ट चेक किया। फिर जनसंपर्क विभाग की तरफ से सूचना भी जारी हुई इस प्रकार की कोई भी न तो कोई वेबसाइट है न ही ऐसे पदों के विज्ञापन निकालने का किसी को अधिकार है। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एफआईआर करने के भी निर्देश दिए गए।

आगे कहा कि हम आपके माध्यम से अभ्यर्थियों को यही कहना चाहते हैं हमारे यहां पर्याप्त संख्या में हेल्थ डिपार्टमेंट में भर्ती हो रही है और वह पीएससी लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश की वहां से हो रही है और कर्मचारी चयन मंडल से हो रही है और लगभग 10,000 पदों की भर्ती हम कर रहे हैं तो उसे पर भरोसा करें विज्ञापन निकलता है तो उसकी सूचना दें जिससे उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जा सके। मामला संज्ञान में आने के 2 दिन बाद जनता पर विभाग ने भी इसका खंडन किया है। मामले में FIR एमपी नगर थाने में हो गई है। पुलिस विभाग अब मामले की जांच कर रही है।

कांग्रेस के छात्र संगठन ने सरकार को बताया असंवेदनशील

वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने इसे सरकार की असंवेदनशीलता बताया और कहा कि 15 हजार से ज्यादा बेरोजगारों ने बेरोजगारी के आलम के चलते धड़ल्ले से ₹500 रुपए देकर फॉर्म भर दिए और यह सरकार सोती रही।

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