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कभी एक शो के मिलते थे 20 रुपये, अब करोड़पति हैं CID वाले एसीपी प्रद्युम्न, कितनी लेते हैं फीस

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शिवाजी साटम, जो सीआईडी में एसीपी प्रद्युम्न के रूप में मशहूर हैं, अब सीआईडी-2 का हिस्सा नहीं रहेंगे. उनकी नेटवर्थ 30-40 करोड़ रुपये मानी जाती है.

कभी एक शो के मिलते थे 20 रुपये, अब करोड़पति हैं CID वाले एसीपी प्रद्युम्न

शिवाजी साटम का जन्म 21 अप्रैल 1950 को मुंबई में हुआ.

हाइलाइट्स

  • शिवाजी साटम की नेटवर्थ 30-40 करोड़ रुपये है.
  • शिवाजी को प्रति एपिसोड लगभग 1 लाख रुपये मिलते हैं.
  • शिवाजी साटम अब CID-2 का हिस्सा नहीं रहेंगे.

नई दिल्‍ली. कुछ तो गड़बड़ है दया…” इस डायलॉग को सुनते ही ज़हन में एक ही चेहरा आता है. वो है एसीपी प्रद्युम्न का. जी हां, आप सही समझे, सीआईडी वाले एसीपी प्रद्युम्न यानी शिवाजी साटम. जब से यह बात सामने आई है कि अब शिवाजी साटम सीआईडी-2 का हिस्‍सा नहीं रहेंगे, वो खूब चर्चा में हैं. हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है. शिवाजी शाटम ने बहुत संघर्ष कर यह मुकाम हासिल किया है. उनके पिता एक मिल में मजदूर थे. उन्‍होंने खुद भी 20 साल तक बैंक में कैशियर का काम किया है. अपनी मेहनत और काबिलियत से उन्‍होंने खूब नाम और दाम कमाया है. आज शिवाजी साटम करोड़पति हैं.

शिवाजी साटम की नेटवर्थ को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और इंडस्ट्री के अनुमानों के आधार पर उनकी कुल संपत्ति 30 से 40 करोड़ रुपये के बीच मानी जाती है. “सीआईडी” में एसीपी प्रद्युमन का किरदार निभाने के लिए शिवाजी को प्रति एपिसोड लगभग 1 लाख रुपये मिलते हैं. हिंदी और मराठी फिल्मों से भी उन्‍होंने अच्छी कमाई की है.

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पिता थे मिल में मजदूर  
शिवाजी साटम का जन्म 21 अप्रैल 1950 को मुंबई में हुआ. उनके पिता एक टेक्सटाइल मिल में मजदूर थे. साटम का परिवार एक छोटी-सी चॉल में रहता था. इस चाल में 10×10 के दो कमरे थे. साटम के पिता भले ही मिल में मजदूर थे पर वे पढाई को लेकर बहुत सजग थे. यही वजह थी कि उन्‍होंने साटम का दाखिला अंग्रेजी स्‍कूल में कराया. वे हर संडे को बच्‍चों का अंग्रेजी टेस्‍ट लेते और उनसे अंग्रेजी अखबार पढवाकर देखते.

गणपति उत्सव से एक्टिंग की शुरुआत
शिवाजी साटम को बचपन से ही एक्टिंग से लगाव था. वे शर्माते बिलकुल नहीं थे. गणपति उत्सव के दौरान पहली बार वे स्‍टेज पर आए. मशहूर मराठी थिएटर आर्टिस्ट बाल धुरी ने उनकी परफॉर्मेंस देखी. वे उनकी एक्टिंग से प्रभावित हुए और उन्‍हें अपने नाटक में रोल दे दिया.

एक्टिंग से मिली सरकारी नौकरी
शिवाजी साटम जल्‍द ही मराठी थिएटर का एक जाना-पहचाना चेहरा बन गए. उन्‍हें नाटक के हर शो के लिए 20 रुपये मिलते थे. इसी दौरान सरकार की एक पॉलिसी के तहत उन्‍हें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी मिली. यह जाब शिवाजी ने 20 साल तक की. 1980 में उन्होंने टीवी शो “रिश्ते-नाते” से छोटे पर्दे पर कदम रखा.

इसके बाद वे कई मराठी और हिंदी धारावाहिकों जैसे “एक शून्य शून्य” और “फेमस ट्रायल्स ऑफ इंडिया” में नजर आए. 1988 में उन्हें फिल्म ‘पेस्टनजी’ में डॉक्टर का छोटा-सा रोल मिला और 500 रुपये की पहली कमाई हुई. इसके बाद उन्होंने “वास्तव”, “गुलाम-ए-मुस्तफा”, “सूर्यवंशम”, “नायक”, और “चाइना गेट” जैसी कई हिंदी फिल्मों में काम किया. मराठी सिनेमा में भी वे “उत्तरायण” जैसी फिल्मों के लिए जाने गए.

ऐसे मिला सीआईडी में रोल
1985 में प्रोड्यूसर बीपी सिंह से मुलाकात हुई. दोनों मित्र बन गए. 1992 में सीआईडी के शो का पायलट एपिसोड बना तो उसमें शिवाजी को रोल मिला. पायलट एपीसोड बनने के पूरे 6 साल बाद 1998 में ‘CID’ की शुरुआत हुई, जिसने टीवी की दुनिया में तहलका मचा दिया. CID का पहला सीजन 21 साल तक चला और घर-घर में मशहूर हुआ. 21 दिसंबर 2024 से CID सीजन-2 शुरू हुआ. यह भी खूब हिट रहा है. लेकिन, अब शिवाजी साटम इसका हिस्‍सा नहीं होंगे.

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