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सागर कलेक्टर कार्यालय में ई-ऑफिस सिस्टम की कलेक्टर ने की शुरुआत।
सागर कलेक्टर कार्यालय में ई-ऑफिस सिस्टम की शुरुआत की गई है। जिसके तहत शनिवार को कलेक्टर संदीप जीआर ने फाइल के ऑनलाइन अनुमोदन सहित ई-ऑफिस से फाइल का निराकरण किया। कलेक्टर ने बताया कि ई-ऑफिस के माध्यम से जहां एक ओर कार्य में पारदर्शिता रहेगी, वहीं गुणव
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दरअसल, सागर में कमिश्नर ऑफिस, कलेक्ट्रेट, फूड, लेबर, ट्रेजरी, एसएलआर, लोकसेवा, ई-गवर्नेंस, ओबीसी, प्लानिंग एंड स्टैटिसटिक्स, आयुष, एक्सरसाइज, जनसंपर्क, कृषि और सीएमएचओ कार्यालय की ई-ऑफिस ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।
फाइलों में नहीं हो पाएगी हेराफेरी ई-ऑफिस से सरकारी विभागों में जनता के काम को लेकर अब ज्यादा दिन फाइल अटक नहीं पाएंगी। फाइल में हेराफेरी और कांटछांट की भी संभावना नहीं रहेगी। फिलहाल अधिकारी-कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। ई-ऑफिस सिस्टम लागू होने के बाद सभी तरह की फाइल ऑनलाइन खुलेंगी। फाइल किस अधिकारी के पास पेंडिंग है, यह सब ऑनलाइन दिखेगा। लोगों के आवेदन पर विभागीय स्तर से जो फाइल चलेगी, उसका समय सीमा में निराकरण होगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनवरी 2025 में मुख्यमंत्री निवास से ई-ऑफिस क्रियान्वयन प्रणाली का शुभारंभ किया था। इसके बाद सभी जिलों में इस पर काम शुरू हुआ है। ई-ऑफिस सिस्टम में अधिकारी, कर्मचारी अपनी आईडी से ऑनलाइन अन्य अधिकारी को फाइल भेज सकेंगे और अनुमोदन भी ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकेगा। ई-ऑफिस सिस्टम से समय और पेपर दोनों की बचत होगी।
ई-ऑफिस से काम पूरा करने का समय होगा तय ई-ऑफिस में कार्य करने के लिए सभी अधिकारी, कर्मचारी के पास स्वयं की शासकीय ई-मेल आईडी होना चाहिए। आगामी समय में सभी फाइलों का संचालन ई-ऑफिस के माध्यम से किया जाएगा। जिससे प्रशासनिक कार्यों में गति और पारदर्शिता आएगी। संबंधित अधिकारी, कर्मचारी के काम पूरा करने का समय भी तय होगा। सभी विभागों को अपने किसी कम्प्यूटर में दक्ष कर्मचारी को कार्यालय के लिए नोडल नियुक्त करना है जो ऑफिस के लिए मास्टर ट्रेनर की तरह काम करेगा।
अधिकारी व कर्मचारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण विभाग प्रमुखों को ई-ऑफिस का प्रशिक्षण जिला सूचना विज्ञान अधिकारी डेलन प्रजापति और ई-गवर्नेंस मैनेजर राहुल शर्मा द्वारा दिया जा रहा है। डीआईओ डेलन प्रजापति ने बताया कि कलेक्ट्रेट ऑफिस ई-सिस्टम के लिए अपडेट हो गया है। अन्य विभागों से डाटा मांगा जा रहा है। यह एक तरह से पेपरलेस सिस्टम होगा। भविष्य में विभागीय स्तर पर जो आवेदन डिजिटलाइज्ड होंगे तो एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेंगे।
इमरजेंसी में कोई नोटशीट ऑनलाइन कभी भी और कहीं से चला सकते हैं। इसमें मूवमेंट व टाइम रिकॉर्ड होगा। इससे कामकाज की गति और दक्षता बढ़ेगी। विभागों को त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलेगी। ई-ऑफिस की प्रक्रिया भोपाल से मैपिंग के माध्यम से की जाती है जिसके बाद विभाग ऑफिस में कार्य शुरू कर सकते हैं।
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