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Mental Health Awareness: सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने स्कूल-कॉलेजों के साथ तीन साल का MoU किया है, जिसमें काउंसलिंग, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम और वार्षिक समीक्षा बैठकें शामिल हैं.
मानसिक स्वास्थ्य के लिए किया MOU
हाइलाइट्स
- सौराष्ट्र विश्वविद्यालय ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए MoU किया.
- छात्रों, स्टाफ और अभिभावकों के लिए काउंसलिंग की जाएगी.
- मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में वर्कशॉप और सेमिनार शामिल होंगे.
राजकोट: सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग (Department of Psychology) की पहल के तहत स्कूल और कॉलेजों के साथ तीन साल के लिए एक MoU किया जाएगा. इसके तहत छात्रों, स्टाफ और अभिभावकों के लिए व्यक्तिगत और समूह काउंसलिंग की जाएगी. वर्कशॉप और सेमिनार के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. पोस्टर प्रदर्शनी और व्याख्यान जैसी इंटरैक्टिव पद्धतियों का उपयोग करके मानसिक प्रशिक्षण (Mental Training) दिया जाएगा.
समीक्षा बैठकें होंगी
बता दें कि इसके अलावा मनोविज्ञान विभाग MoU किए गए स्कूल-कॉलेज के साथ मिलकर कई गतिविधियां करेगा. इनमें मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक जागरूकता कार्यक्रम, छात्र, माता-पिता और फैकल्टी के साथ बैठकें आयोजित करना और छात्रों की प्रगति और प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए वार्षिक समीक्षा बैठकें शामिल होंगी.
MoU से स्कूल-कॉलेज को होंगे कई फायदे
बता दें कि दोनों संस्थानों के विकास और छात्रों की प्रगति के लिए नए द्वार खुलेंगे. जहां छात्रों को सीधा फायदा मिलेगा. स्कूल स्तर से ही मानसिक जागरूकता (Mental Awareness) लाने से समाज में परिवर्तन की शुरुआत होगी. छात्रों में जागरूकता आएगी तो इसके लाभ लंबे समय तक देखे जा सकते हैं. छात्रों के सर्वांगीण विकास के अवसर बढ़ जाएंगे. छात्रों को होने वाली किसी भी कठिनाई को हम जड़ से बदलने या सुधारने के प्रयास कर सकेंगे. एक स्वस्थ मन ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है. समाज में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को कम करने में मदद मिल सकती है.
लोकल 18 से बात करते हुए MoU को-ऑर्डिनेटर डॉ. नीपा पांधी ने कहा, “आजकल माता-पिता के लिए लालबत्ती समान मामले बढ़ रहे हैं. हाल ही में अमरेली में छात्रों ने हाथ पर ब्लेड से कट लगाने की घटना इसका उदाहरण है. ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए मनोविज्ञान विभाग ने एक नई पहल की है. इसके तहत स्कूल और कॉलेजों के साथ एक MoU किया गया है. इसकी शुरुआत श्री मणिभाई विरानी और श्रीमती नवलबेन विरानी साइंस कॉलेज के साथ MoU से की गई है. इस कॉलेज के छात्रों को अगर कोई समस्या होगी तो इस MoU के तहत उसका समाधान किया जाएगा. प्रारंभिक स्तर पर ही अगर समस्याओं का समाधान हो जाएगा तो आगे चलकर समस्या बड़ा रूप नहीं लेगी.”
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