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बता दें इस मामले की जांच एडीएम मीना मशराम के द्वारा की जा रही है। मंगलवार को दमोह सीएसपी अभिषेक तिवारी, नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा और एसडीएम आरएल बागरी ने लिखित में अपने बयान दर्ज कराए। सीएमओ ने बताया कि ये लोग चाहते हैं कि वे या तो अपने पद से हट जाएं या अवकाश पर चले जाएं। घटिया निर्माण और अधूरे कार्यों के कारण बिलों का भुगतान नहीं किया गया। स्वच्छता अभियान के दौरान सिविल वार्ड 6 में आंगनबाड़ी के पास एक नाला बनाया गया है जो नाली के अंदर गिर गया है। जांच में पता चला कि इसका निर्माण 2023 में विवेक अग्रवाल ने किया था।
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नगर पालिका में चल रही अनियमितताओं का जिक्र करते हुए शर्मा ने बताया कि एक ट्रैक्टर के लिए 150-200 लीटर की जगह साढ़े आठ सौ लीटर डीजल का बिल प्रस्तुत किया गया। दो कर्मचारियों को निलंबित किया, जिन्होंने गलती मानने पर चेतावनी के साथ बहाल कर दिया गया। हिंदू विरोधी होने के आरोपों को खारिज करते हुए सीएमओ ने कहा कि वे स्वयं ब्राह्मण हैं और नवरात्रि के उपवास रखते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी ने धार्मिक ध्वज नहीं निकाले, केवल बातचीत के लिए कर्मचारियों को भेजा था। किसी को ध्वज निकालने नहीं भेजा उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया। इस मामले में उन्होंने पुलिस में भी आवेदन दिया है। शर्मा ने बताया कि स्याही लगने से उनकी दाहिनी आंख को नुकसान हुआ है, जिसकी पुष्टि डॉक्टर ने की है। मामले में पुलिस जांच जारी है।
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