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राजधानी के बगरोदा में पकड़ी गई एमडी ड्रग्स (मैफेड्रोन) फैक्ट्री मामले में एनसीबी दिल्ली ने बुधवार को विशेष न्यायालय एनडीपीएस भोपाल में चालान पेश किया। इसमें ड्रग्स फैक्ट्री की स्थापना से लेकर बिक्री तक की पूरी कड़ी सामने आई है। चालान में 18 गवाहों क
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विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि फरार शोएब लाला, ओमप्रकाश पाटीदार, घनश्याम मीणा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस देने की तैयारी है। एनसीबी ने गुजरात एटीएस के साथ 5 अक्टूबर को भोपाल के बगरोदा में छापा मारकर 1814 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद की थी। अगली सुनवाई 23 अप्रैल को है।
आरोपी… उनके खुलासे
- सान्याल प्रकाश बाने (नासिक): मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में ‘चाचू’ नाम के व्यक्ति से संपर्क हुआ, जिसने जेल से बाहर आने के बाद हरीश आंजना और शोएब लाला से मिलवाया। 2016 में अनवर धनु से एमडी ड्रग्स बनाना सीखा था। पीथमपुर में सैंपल बनाकर दिखाया, फिर बगरोदा में फैक्ट्री शुरू हुई।
- अमित चतुर्वेदी (भोपाल) : मार्च-2024 से एफ-63 फैक्ट्री में एमडी मैनेजमेंट का काम देखता था। 50 हजार वेतन था। ड्रग्स बनाने की बात कबूली। शेष | पेज 10 पर
- हरीश आंजना (मंदसौर): पहले डोडा चूरा तस्करी में पकड़ा गया था, कर्ज बढ़ने पर एमडी ड्रग्स के धंधे में आया। प्रेमसुख पाटीदार के जरिए ड्रग्स मंदसौर भेजता था।
- प्रेमसुख पाटीदार (मंदसौर): पहले डोडा चूरा तस्कर था, बाद में एमडी ड्रग्स का धंधा शुरू किया।
- फैक्ट्री किराए पर देने वालों के भी बयान : चालान में फैक्ट्री और गोदाम किराए पर देने वालों के बयान पेश किए गए। इसमें बताया गया कि अमित चतुर्वेदी ने 50 हजार रुपए महीने किराए पर फैक्ट्री ली, कहा था कि साबुन बनाएगा। गोदाम मालिक विष्णु पाटीदार, अमित को पहले से जानता था, उसने किराए अनुबंध की कॉपी एनसीबी को दी। फ्लैट मालिक सौरभ श्रीवास्तव ने स्प्रिंग वैली स्थित फ्लैट, आशीष गर्ग के जरिए किराए पर दिया था।
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