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आबकारी विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए शराब दुकानों की नीलामी से 16,400 करोड़ रुपए का राजस्व तय किया है। सोमवार देर शाम तक चली नीलामी प्रक्रिया में देवास, दमोह, जबलपुर और शिवपुरी की सात दुकानें बची हैं, जिनकी नीलामी 2 अप्रैल को फाइनल होगी।
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ई-टेंडर के बाद इनकी बोली सोमवार को लग चुकी थी। इस बार 19.6% की राजस्व वृद्धि दर्ज हुई, जो पिछले 15 वर्षों में सर्वाधिक है। 2015-16 में 35% वृद्धि हुई थी, लेकिन तब केवल टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाई गई थी। इस वर्ष नवीनीकरण, लॉटरी और ई-टेंडर, तीनों प्रक्रियाओं से नीलामी हुई।
पिछले वर्ष 12.63% की वृद्धि के साथ कुल राजस्व लगभग 13,900 करोड़ रुपए था। इस बार यह 20% तक पहुँच रहा है। आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल के अनुसार, यह 15 वर्षों की सबसे बड़ी वृद्धि है और 25 वर्षों में भी रिकॉर्ड बढ़त साबित हो सकती है।
हालांकि, 17 धार्मिक नगरों में 47 दुकानें बंद होने से 450 करोड़ का नुकसान हुआ, जिसे हटाने पर वृद्धि लगभग 23% होती। 2010-11 में 33% वृद्धि हुई थी, उसके बाद यह सबसे बड़ी बढ़त मानी जा रही है। इस बार ई-टेंडर के बाद बोली बढ़ाने का नया विकल्प जोड़ा गया। पहले सिर्फ ई-टेंडर की तुलना होती थी, लेकिन अब ऊँची बोली लगाकर राजस्व बढ़ाया गया। 2 अप्रैल को 70 करोड़ रुपए के शेष समूहों पर निर्णय लिया जाएगा।’
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