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हरदा में नौ दिन तक चले गणगौर महोत्सव का सोमवार को समापन हो गया। श्रद्धालुओं ने पारंपरिक गणगौर गीतों के साथ माता रनुबाई को विदाई दी। जिला मुख्यालय सहित गांवों के परिवारों ने गणगौर स्थल से विसर्जन जुलूस निकाला। शहर में यह मुख्य मार्गों से होते हुए निकल
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महिलाओं ने रनुबाई और धनियर राजा के रथ की पूजा-अर्चना की। उन्होंने अपने परिवारों की सुख-समृद्धि की कामना की। पिछले नौ दिनों में रात्रि में विभिन्न मंडलियों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
देर शाम को अजनाल नदी के पेड़ीघाट पर ज्वारों का विसर्जन किया गया। श्रद्धालुओं ने भावुक होकर धनियर राजा और रनुबाई से अगले वर्ष पुनः आने की प्रार्थना की। चैत्र और वैशाख के महीने में इस क्षेत्र में गणगौर महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
तस्वीरों में देखिए

नदी के तट पर गणगौर विसर्जन के लिए पहुंचे समाज के लोग।

सिर पर गणगौर और जवारे रखकर विसर्जन के लिए पहुंची महिलाएं।

सिर पर जवारे लेकर गलियों से निकली महिलाएं।

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