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सुमित्रा प्रजापत बताती हैं कि यह साबुन का बिजनेस ऑनलाइन और ऑफलाइन करती है. लोग अपने घर बैठे ही मेरा प्रोडक्ट मंगवाते रहते हैं. इस बिजनेस से कई महिलाएं जुड़ी हुई है और साथ में काम करती हैं.
 
प्राकृतिक तरीके से बने साबुन
हाइलाइट्स
- सुमित्रा प्रजापत बनाती हैं केमिकल फ्री साबुन.
- साबुन मीठे और खारे पानी दोनों में उपयोगी है.
- साबुन की कीमत 50 से 80 रुपए तक है.
बीकानेर. राजस्थान में वैसे तो कई तरह की साबुन मिलते हैं, लेकिन कई इलाकों में मीठा पानी मिलता है तो कई इलाकों में खारा पानी मिलता है. ऐसे में कई साबुन जल्दी खराब हो जाते हैं या त्वचा खराब कर देते हैं. ऐसे में एक महिला है जो नेचुरल तरीके के साथ राजस्थान के मीठे और खारे में उपयोग होने वाला साबुन बनाती है. यह साबुन मीठे और खारे पानी दोनों में उपयोग किया जा सकता है. इसके पीछे कारण यह है कि यह प्राकृतिक तरीके से बनाया गया है और किसी भी तरह का कोई केमिकल उपयोग में नहीं करती हैं.
सुमित्रा प्रजापत ने बताया कि कई प्रकार की साबुन बनाते हैं इसमें किसी भी तरह का कोई केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है. यह साबुन प्राकृतिक तरीके से बनाया गया है. इन साबुन से किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और त्वचा भी खराब नहीं होती है. चारकोल, उप्टन की एक साबुन 50 रुपए में बेचते हैं. इसके अलावा कई साबुन 80 रुपए में भी बेचते हैं.
बिजनेस से जुड़ रही महिलाएं
इन साबुन को बनाने में भी समय लगता है. इस साबुन को बनाने में ग्लिसरीन को जमने में भी समय लगता है. ऐसे में साबुन को बनने में दो से तीन घंटे का समय लगता है. वे बताती हैं कि उनके साथ 15 से 20 महिलाएं काम करती हैं. वे साबुन की कई वैरायटी तैयार करती हैं इनमें नीम, एलोवेरा, हल्दी चंदन सहित कई तरह का साबुन बनाती हैं.
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