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Jaggery business: बीड के अन्नासाहेब मोरे ने शिक्षक की नौकरी छोड़ी और जैविक गुड़ व्यवसाय शुरू किया. मेहनत और आधुनिक तकनीक से उन्होंने सफलता पाई और आज हर साल 8 लाख रुपये कमा रहे हैं.

बीड जिले के कारी गांव के अन्नासाहेब मोरे ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी. शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने की उनकी इच्छा थी, लेकिन डेढ़ साल की नौकरी के बाद भी उन्हें इसका उचित मुआवजा नहीं मिला. उन्होंने यह सोचकर शिक्षक की नौकरी ली थी कि उन्हें हर महीने एक निश्चित वेतन मिलेगा, लेकिन हकीकत में उन्हें कुछ भी नहीं मिला. इस आर्थिक अस्थिरता ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया और उन्होंने नौकरी छोड़ने का बड़ा फैसला किया.
नए रास्ते की तलाश में आई चुनौतियां
नौकरी छोड़ने के बाद अन्नासाहेब मोरे के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि अब आगे क्या करें? उन्हें किसी भी व्यवसाय का पूर्व अनुभव नहीं था, जिससे सही दिशा चुनना मुश्किल हो गया. उन्हें यह तय करना था कि कौन सा व्यवसाय किया जाए, कहां से शुरू किया जाए और पूंजी का इंतजाम कैसे किया जाए. हालांकि, वे हार मानने वालों में से नहीं थे. उन्होंने अपने मित्र से प्रेरणा ली, जो जैविक गुड़ उद्योग में काम कर रहा था, और खुद भी इस क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया.
गुड़ व्यवसाय में किया बड़ा निवेश
गुड़ उत्पादन का व्यवसाय शुरू करना आसान नहीं था. शुरुआत में कई बाधाएं आईं, लेकिन उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प से इनका सामना किया. जैविक गुड़ की बढ़ती मांग को देखते हुए उन्होंने इस अवसर को पहचाना और इसकी उत्पादन तकनीक को समझने में समय लगाया. पारंपरिक तरीकों की बजाय उन्होंने आधुनिक तकनीक अपनाई, जिससे उनका गुड़ अधिक स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता वाला बन सका.
बाजार में बनाई अपनी पहचान
धीरे-धीरे अन्नासाहेब मोरे का कारोबार बढ़ने लगा. उनके गुड़ की गुणवत्ता और स्वाद के कारण ग्राहकों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ी. आज वे खुदरा रूप में गुड़ बेचते हैं, लेकिन उनकी बढ़ती मांग के कारण उनका व्यवसाय तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने अपने उत्पाद को ब्रांड के रूप में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया और भविष्य में इसे और भी बड़े स्तर पर ले जाने की योजना बना रहे हैं.
हर साल 8 लाख रुपये का मुनाफा
आज अन्नासाहेब मोरे अपने व्यवसाय से प्रति वर्ष 8 लाख रुपये तक का लाभ कमा रहे हैं. उनका मानना है कि व्यवसाय नौकरी से कहीं बेहतर है, क्योंकि इसमें मेहनत के अनुसार सफलता मिलती है.
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