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मसीही समाज इन दिनों चालीसा काल का पालन कर रहा है। इसे महाउपवास और संयम काल भी कहा जाता है। यह अवधि विश्वासियों को पवित्र जीवन जीने और परस्पर सहायता के लिए प्रेरित करती है।शहर के प्रमुख कैथोलिक गिरजाघरों में श्रद्धालुओं के लिए विशेष आयोजन किए जा रहे ह
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अरेरा कॉलोनी का असम्पशन, जहांगीराबाद का संत फ्रांसिस ऑफ असीसी कैथेड्रल, बरखेड़ा और ईदगाह हिल्स का संत जोसेफ, हबीबगंज का होली फैमिली और कोलार का क्वीन ऑफ द यूनिवर्स चर्च शामिल हैं। इन गिरजाघरों में बाइबिल पाठ पर प्रवचन और मेल-मिलाप संस्कार होंगे। मसीही समाज प्रभु येशु के दुखभोग और बलिदान को याद करेगा।

समुदाय के पीआरओ फादर अल्फ्रेड डिसूज़ा ने बताया कि कैथोलिक विश्वासी हर बुधवार और शुक्रवार को क्रूस रास्ता कर रहे हैं। इसमें येशु के दुखभोग के 14 स्थानों का स्मरण किया जाता है। 13 अप्रैल को खजूर पर्व यानी पाम संडे से पवित्र सप्ताह की शुरुआत होगी।
चालीसा काल 17 अप्रैल को समाप्त होगा और अगले दिन गुड फ्राइडे के दिन गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं और क्रूस यात्राएं होंगी।

आर्चबिशप दुरईराज के अनुसार यह समय ईसाइयों को आध्यात्मिक यात्रा पर चिंतन करने का अवसर है। इस दौरान पाप से दूर रहने और ईश्वर के करीब आने पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
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