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मोहब्बत और शांति का संदेश देने वाला गुलाब अब किसानों के लिए आय का मोटा जरिया या यूं कहें कि लाभ का धंधा बन गया है। यही नहीं यह गुलाब अब बेरोजगारों के लिए रोजगार का जरिया भी बन गया है। जी हां हम बात कर रहे हैं गुना की। यहां गुलाब की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है। इस खेती को करने के लिए उच्च शिक्षित युवा मोटी वेतन और बड़ी कंपनियों की नौकरी छोड़ गुलाब की खेती से अपना भविष्य बना रहे हैं। इतना ही नहीं अन्य को भी रोजगार दे रहे हैं।
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सी उद्यानिकी विभाग के केपी एस किरार ने बताया कि नवागत कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल कि मंशा है कि गुना को पूना की तरह गुलाबों का शहर बनाया जाए। इसी के चलते यहां गुलाब की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस खेती से यह लाभ का धंधा तो बन ही गया। इसकी ज्यादातर सप्लाई जयपुर हो रही है। वहीं यह गुलाब प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर में भी दरबार की सजावट में भेजा जा रहा है।
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वहीं उप संचालक उद्यान केपीएस किरार का कहना है कि गुना की जलवायु गुलाब के बहुत अनुकूल है। उन्होंने कहा कि गुना में हमारा 20 एकड़ में गुलाब की खेती के लिए पॉलीहाउस तैयार किए गए हैं और ज्यादातर 15 एकड़ के एरिया में गुलाब की खेती हो भी रही है। बाकी कंस्ट्रक्शन में है। यहां की जलवायु गुलाब के अनुकूल है और दूसरा यहां के गुलाब के लिए जयपुर का मार्केट बहुत सूटेबल है। यहां से हम किसानों को न केवल पॉलीहाउस का कंस्ट्रक्शन कराते हैं, बल्कि उनको मार्केट लिंक कराके देते हैं। वहां के व्यापारियों से किसानों का टाइअप कराते हैं और बढ़ी अच्छी कीमत में यहां के गुलाब, जयपुर जा रहे हैं। इसी वजह से हमने गुलाब की खेती को चुना है।
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