[ad_1]
चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) ने मंगलवार को पहला नेत्र प्रत्यारोपण किया। रायसेन जिले के 50 वर्षीय गैस पीड़ित व्यक्ति को कार्निया प्रत्यारोपित कर नया जीवन दिया गया। यह प्र
.
चोट लगने से आंख हुई थी खराब मरीज की एक आंख 15 साल पहले चोट लगने के कारण खराब हो गई थी। जबकि दूसरी आंख की दृष्टि मोतियाबिंद प्रभावित थी। इस जटिल स्थिति में मरीज की रोशनी लौटाने के लिए स्वर्गीय आशा शर्मा द्वारा दान किए गए नेत्रों का उपयोग किया गया। उन्होंने 17 मार्च को भोपाल के एक निजी अस्पताल में नेत्रदान किया था। उनका कार्निया रविवार को बीएमएचआरसी लाया गया और मंगलवार को प्रत्यारोपण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई। वर्तमान में मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है। इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन को करने वाली विशेषज्ञ टीम में नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. हेमलता यादव, प्रोफेसर डॉ. अंजली शर्मा, विजिटिंग कंसल्टेंट डॉ. प्रतीक गुर्जर सहित अन्य चिकित्सक शामिल थे।

नेत्र प्रत्यारोपण के दौरान।
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने इस सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने की हमारी लंबे समय से कोशिश थी। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारी कोशिश है कि आने वाले समय में बीएमएचआरसी में अन्य अंग प्रत्यारोपण सुविधाएं भी शुरू की जाएं।” यह उपलब्धि न केवल बीएमएचआरसी के लिए बल्कि पूरे चिकित्सा जगत के लिए प्रेरणादायक है और इससे भविष्य में अधिक से अधिक मरीजों को लाभ मिलने की संभावना है।
[ad_2]
Source link



