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Fifth day of Bhagwat Katha in Tikamgarh | टीकमगढ़ में भागवत कथा का पांचवां दिन: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर भक्तों ने किया नृत्य; कथावाचक ने सुनाई जन्म की कथा – Tikamgarh News

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टीकमगढ़ के पपौरा चौराहे पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के पांचवें दिन कथाव्यास पंडित रामस्वरूप पाण्डेय ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया।

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यह आयोजन गौ लोकवासी पंडित कृष्ण किशोर द्विवेदी की स्मृति में किया जा रहा है। कथा के आयोजक प्रफुल्ल द्विवेदी ने यह जानकारी दी। कथा के यजमान प्रशांत द्विवेदी ने इसे पूर्वजों का आशीर्वाद बताया।

कथाव्यास ने द्वापर युग के मथुरा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि मथुरा दो भागों में बंटा था। एक भाग में बिष्टवंश के देवक और उग्रसेन का शासन था। देवक की पुत्री देवकी थीं। उग्रसेन के पुत्र कंस ने अपने पिता को जेल में डालकर राज्य छीन लिया। दूसरे भाग में यदुवंश के राजा सूरसेन का शासन था। उनके बड़े पुत्र वासुदेव थे।

कृष्ण जन्मोत्सव मनाते श्रद्धालु।

कृष्ण जन्मोत्सव मनाते श्रद्धालु।

भाद्रमास की अष्टमी की रात को मथुरा जेल में अलौकिक प्रकाश फैला। माता देवकी के गर्भ से श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। जेल के सभी बंदी मूर्छित हो गए। जेल के दरवाजे अपने आप खुल गए। वासुदेव बालक कृष्ण को यमुना पार गोकुल में नंद के घर ले गए। वहां से वे नवजात कन्या को लेकर लौट आए।

श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनकर सभागार में उपस्थित श्रोता भावविभोर हो गए। श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण के जयकारे लगाए। उन्होंने बधाई गीत गाकर नृत्य भी किया।

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