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उज्जैन-जावरा ग्रीन फील्ड एक्सेस के विरोध में शनिवार को जावरा से उज्जैन तक निकलने वाले जनसंघर्ष समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों को पैदल मार्च से पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दो वज्र वाहनों में पैदल मार्च में शामिल 40 से अधिक लोगों को भरकर एक्सप्रेस वे पर घुमा-फिराकर जावरा के भगतसिंह कॉलेज में बनाई गई अस्थायी जेल में छोड़ दिया गया।
दरअसल, जनसंघर्ष समिति और किसान संगठनों द्वारा उज्जैन से जावरा तक प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल वे के निर्माण में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने को लेकर शनिवार को जावरा से उज्जैन तक का पैदल मार्च किया जाना था। 27 मार्च को उज्जैन पहुंचकर कोठी पैलेस स्थित कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाना था। जोयो चौराहे पर किसान संगठनों के नेता और जनसंघर्ष समिति के सदस्य एकत्र हुए। चौराहे पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव मोहम्मद युसूफ कड़पा, कांग्रेस नेता वरुण श्रोत्रिय, पिपलौदा जनपद अध्यक्ष योगेंद्रसिंह सोलंकी, जिला पंचायत सदस्य राजेश भरावा, डीपी धाकड़, जनसंघर्ष समिति के असलम मेव, सुनील पोखरना, दिनेश नायमा सहित उज्जैन क्षेत्र से पहुंचे किसान नेताओं ने इस सड़क निर्माण का विरोध जताया।
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इस दौरान जोयो चौराहे पर पैदल मार्च को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मौके पर राजस्व विभाग के जावरा एसडीएम त्रिलोचन गौड़, आलोट एसडीएम, नायब तहसीलदार वैभव जैन, श्रद्धा त्रिवेदी, एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी दुर्गेश आर्मो, एसडीओपी संदीप मालवीय सहित जावरा शहर और आसपास के थाना क्षेत्रों के टीआई, दमकल और वज्र वाहन भी तैनात किए गए।
पुलिस ने रोका पैदल मार्च, असलम मेव ने खुद पर केरोसिन डाला
चौराहे पर जनसंघर्ष समिति के नेताओं के भाषण के बाद जैसे ही पैदल मार्च शुरू हुआ, पुलिस ने घेराबंदी कर मार्च रोक दिया। इसी दौरान समिति के असलम मेव ने खुद पर केरोसिन डाल लिया, पुलिस ने उन्हें तुरंत रोककर वज्र वाहन में बैठा दिया। फिर भी किसान नेता मार्च के लिए आगे बढ़ने लगे, जिसके बाद पुलिस ने डीपी धाकड़, राजेश भरावा और उनकी टीम के करीब 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस दो वज्र वाहनों में आंदोलनकारियों को भरकर रतलाम रोड होते हुए बड़ोदा फंटे से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की ओर ले गई। बाद में भगतसिंह कॉलेज में बनाई गई अस्थायी जेल में छोड़ दिया गया।
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धरना स्थल से तंबू हटाया
बता दें कि जोयो चौराहे पर पिछले तीन महीनों से धरना दे रही जनसंघर्ष समिति जिस तंबू में बैठकर प्रदर्शन कर रही थी, उसे भी प्रशासन ने हटा दिया है। धरना स्थल पर लगे टेंट, तंबू और सामान को नगर पालिका के कर्मचारियों ने जब्त कर लिया।
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जनसंघर्ष समिति की मांगें
जनसंघर्ष समिति के पदाधिकारियों के अनुसार, जावरा-उज्जैन के बीच प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन का हिस्सा शहरी क्षेत्र में आ रहा है, जिसमें भूतेड़ा से महू-नीमच हाईवे के बीच सात ब्रिज प्रस्तावित हैं।
- स्थानीय व्यापारियों को नुकसान होगा: ब्रिज बनने से स्थानीय दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित होगा, इसलिए वे ब्रिज की जगह रोटरी डेवलपमेंट की मांग कर रहे हैं।
- समतल फोरलेन निर्माण की मांग: विरोध कर रहे समिति सदस्यों का कहना है कि 7 किमी में 6 ब्रिज जो कि जमीन से 24 फीट ऊंचे रहेंगे, इससे आर्थिक नुकसान होगा। वे चाहते हैं कि इस 7 किमी हिस्से में समतल फोरलेन बनाया जाए और चौराहों पर रोटरी विकसित की जाए।
- किसानों को उचित मुआवजा मिले: जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित हो रही है, उन्हें चार गुना मुआवजा दिया जाए।
- शहरी क्षेत्र में स्लैब सिस्टम लागू किया जाए: मुआवजे की गणना शहरी क्षेत्रों के स्लैब सिस्टम के अनुसार की जाए।

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