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फर्जी कॉल सेंटर के आरोपियों को बचाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में फरार टीआई जीतेंद्र गढ़वाल को जबलपुर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत पर रिहा कर दिया है। हाईकोर्ट जस्टिस मनिंदर एस भट्टी की कोर्ट ने जीतेंद्र गढ़वाल को जमानत का लाभ दिया है।
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कोर्ट ने कहा कि रिश्वत की रकम एएसआई पवन रघुवंशी के पास से बरामद की गई थी, उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पवन के मेमोरेंडम के आधार पर टीआई के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। इसलिए कोर्ट आरोपी की अग्रिम जमानत को स्वीकार करती है। इस मामले में एएसआई पवन रघुवंशी, पार्षद अंशुल जैन, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र और फर्जी कॉल सेंटर के मास्टरमाइंड अफजल खान का साला मोइन खान अभी भी फरार चल रहे हैं। मास्टरमाइंड अफजल खान जेल में है।
आरोपी टीआई जीतेंद्र गढ़वाल की ओर से पेश अग्रिम जमानत आवेदन में कहा गया कि उनको मामले में झूठा फंसाया गया है। जीतेंद्र के वकील ने कहा कि आरोपों के अनुसार अन्य आरोपी एएसआई पवन रघुवंशी को रिश्वत के 4 लाख 95 हजार रुपए लेते पकड़ा गया था। जिस पर उसने कहा था कि आरोपी टीआई जीतेंद्र गढ़वाल ने उससे यह रिश्वत की राशि लेने के लिए कहा था। वकील ने आगे कहा कि शासन की ओर से की जा रही जांच संदिग्ध है। यदि 4 लाख 95 हजार रुपए की राशि पवन रघुवंशी के पास से पुलिस ने बरामद की थी, तो पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
वहीं, शासन की ओर से इस अग्रिम जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा गया कि टीआई जीतेंद्र गढ़वाल ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अपराध किया है।
हाईकोर्ट ने कहा- रिश्वत की रकम टीआई से बरामद नहीं हुई, एएसआई के मेमोरैंडम के आधार पर बनाया आरोपी
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