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Hail fell along with rain in Sagar district | सागर जिले में बारिश के साथ गिरे ओले: दिनभर धूप-छांव के बाद शाम को गरज-चमक के साथ हुई बरसात; शहर में बूंदाबांदी – Sagar News

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सागर में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई।

गर्मी के बीच सागर में मौसम ने करवट बदली है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से आसमान में बादल छाए। शुक्रवार शाम अचानक मौसम बदला और गरज-चमक के साथ बारिश हुई। ग्रामीण इलाकों में बारिश के साथ ओले भी गिरे। वहीं शहर में बूंदाबांदी हुई।

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सुबह से आसमान में बादल छाए रहे। दोपहर के समय धूप-छांव का दौर जारी रहा। इस दौरान हवाएं चलने से वातावरण में ठंडक रही। वहीं शाम को अचानक मौसम ने करवट बदली और आसमान में घने-काले बादल छा गए। ग्रामीण क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हुई। 15 से 20 मिनट तक हुई बारिश के साथ ओले भी गिरे। इस दौरान सानौधा के ग्राम पड़रिया के आसपास बेर के आकार के ओले गिरे। वहीं रहली समेत ब्लाक के ग्राम पारासई, बहेरिया समेत अन्य गांवों में बारिश हुई।

गौरझामर, खामखेड़ा, बरकोटी तिगड्‌डा, रानगिर रोड समेत अलग-अलग स्थानों पर बारिश हुई। अचानक हुई बारिश ने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है, क्योंकि खेतों में चना, गेहूं की फसल लगी हुई है। फसल पककर तैयार है। वहीं कुछ किसानों ने फसल की कटाई कर ली है। खेतों में फसल रखी है। ऐसे में बारिश होने से फसल भीगी है और नुकसान होने का अनुमान है।

23 मार्च तक ऐसा ही रहेगा मौसम मौसम विभाग के अनुसार, अभी राजस्थान के ऊपर और उत्तर पश्चिमी मध्यप्रदेश के ऊपर दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है। इस कारण से मौसम बदला हुआ है। वेदर सिस्टम का असर 23 मार्च तक रहेगा। 24 मार्च से एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। इसका असर भी प्रदेश में देखने को मिलेगा। 21 से 23 मार्च तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। दिन के तापमान में गिरावट आएगी।

रहली में बारिश से सड़कें तरबतर हुईं।

रहली में बारिश से सड़कें तरबतर हुईं।

कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी उपसंचालक कृषि राजेश त्रिपाठी ने बताया कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार अगले 24 घंटे सागर संभाग में कहीं-कहीं गरज के साथ बारिश व बौछारें पड़ सकती हैं। वर्तमान में रबी फसल चना, मसूर और सरसों पक कर तैयार है। अधिकांश कटाई भी कर ली गई है। गेहूं फसल की कटाई अभी शुरुआती अवस्था में है, इसलिए किसान 19 मार्च से होने वाली बारिश की गतिविधियों को देखते हुए खेतों में चल रही कटाई गतिविधियों को तीन दिनों के भीतर पूरा कर लें।

कटाई की गई फसलों को तिरपाल आदि से ढककर सुरक्षित रूप से संग्रहित करें। यदि अभी तक खेतों में खड़ी फसलों की कटाई शुरू नहीं हुई है तो उन्हें एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दें। मसूर, चना, सरसों की थ्रेशिंग की हुई फसल के दानों या बीज को अच्छी तरह सुखाकर उसका भंडारण करें। बारिश व हवा चलने की स्थिति में किसान घर के अंदर रहें। घर की खिड़की और दरवाजे बंद रखें। जानवरों को सुरक्षित स्थान पर रखें और रात के समय पशुओं को बाहर नहीं छोड़ें।

बारिश से गेहूं और चना फसल को हो सकता है नुकसान।

बारिश से गेहूं और चना फसल को हो सकता है नुकसान।

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