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शाजापुर जिले के मखावद गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी सामने आई है। ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव के बीच विवाद के कारण 28 गरीब परिवारों को आवास योजना से बाहर कर दिया गया है।
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इन परिवारों का नाम पहले पात्रता सूची में शामिल था। लेकिन सरपंच और सचिव के विवाद के चलते इनके आवेदन पत्रों पर हस्ताक्षर नहीं किए गए। इस कारण इन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया। मंगलवार को 12 बजे करीब पीड़ित परिवारों ने कलेक्टर की जनसुनवाई में न्याय की गुहार लगाई है।
पहले बताया पात्र फिर किया योजना से बाहर
शिकायतकर्ता माखन सिंह राजपूत ने बताया कि वे सभी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। 2019-20 के सर्वे में उन्हें पात्र पाया गया था। फिर भी उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया। माखन सिंह ने एक और गंभीर आरोप लगाया है।
उनके अनुसार ग्राम पंचायत ने 2019-20 से 2025 तक 82 अन्य परिवारों को योजना का लाभ दिया है। लेकिन उनके आवेदनों को अवैध तरीके से रोक दिया गया। वंचित परिवारों ने कलेक्टर से सरपंच और सचिव के कार्यों की जांच की मांग की है। साथ ही उन्हें योजना में शामिल करने की गुहार लगाई है।
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